वाराणसी : पुलिस की गोलियों का शिकार बना 50 हजार इनामिया


भास्कर ब्यूरो वाराणसी
जनपद से अपराध जगत को समूल रूप से उखाड़ फेंकने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक  ने स्पष्ट निर्देश दिया है की किसी भी कीमत पर अपराधियों को बख्शा ना जाये  वाराणसी पुलिस प्रशासन ने भी अपनी कमर कस ली है लगातार बढ़ रहे खूंखार अपराधियों के खौफ से नगरवासियों को भय मुक्त करने के लिए वाराणसी पुलिस द्वारा व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें आए दिन कुख्यात अपराधी पुलिस की गोलियों का निशाना बन रहे है ।

इसी क्रम में सारनाथ थाना क्षेत्र में रिंग रोड पर बदमाशों और पुलिस में मुठभेड़ हुई आमने सामने  क्राइम ब्रांच और पुलिस को सूचना मिली कि बीते दिनों प्रेमा देवी की और घड़ी व्यवसाय श्याम बिहारी मिश्रा की हत्या में शामिल अपराधी मोनू चौहान और उसका साथी अनिल इस वक्त रिंग रोड पर मौजूद है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।

जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की, इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली।एनकाउंटर के बीच अंधेरे का फायदा उठाकर अनिल मौके से फरार हो गया है जिसके लिए कॉम्बिंग की जा रही है। इस एनकाउंटर में क्राइम ब्रांच के एक सिपाही और चौकी प्रभारी पांडेपुर इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।  50 हजार का इनामी अपराधी मोनू चौहान बीते दिनों लालपुर में प्रेमा देवी के घर में घुसकर गोली मारने के मामले में और घड़ी व्यवसाई श्याम बिहारी मिश्रा की हत्या में वांछित था।


अभियुक्त मोनू ने पुलिस को देखकर फायरिंग की। जिसके बाद पुलिस की जवाबी कार्यवाही में उसे गोली लगी है। घायल अवस्था में पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। एसपी सीटी विकास चंद्र तिवारी ने बताया कि मोनू के साथ उसका एक साथी भी मौजूद था। एनकाउंटर के दौरान अधेरे का फायदा उठाकर वह फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि इस एनकाउंटर में पुलिस के भी 2 जवान घायल है। इलाज के लिए उन्हें भी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।

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