वाराणसी में राजस्थान के अविवाहित पुरुषों को शादी का झांसा देकर उन्हें ठगने वाली लुटेरी दुल्हन और उसके पांच सहयोगियों को लंका पुलिस ने सामने घाट मैदान से गिरफ्तार किया है। मंगलवार को डीसीपी काशी ज़ोन गौरव बंसवाल ने गिरफ्तार लुटेरी दुल्हन पूर्वी चंपारण बिहार निवासिनी विभा उर्फ संगीता,सहयोगी निमका जिला सिकरा राजस्थान निवासी सुमेर सिंह,मंझनपुर कौशाम्बी निवासी अनिल पुत्र मुन्ना लाल, मालपुर जिला टोंक राजस्थान निवासी प्रसन्न कुमार,करौंदी चितईपुर वाराणसी निवासिनी शोभा पत्नी संजय कुमार, डुबकिया चौबेपुर वाराणसी निवासी आसिया पत्नी शम्सुद्दीन को मीडिया के सामने पेश किया।
उन्होंने गिरोह के कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि सबके खिलाफ विधिक कार्रवाई हो रही है। पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बताया कि इस गिरोह का मास्टर माइंड सुमेर सिंह है। सुमेर राजस्थान से अविवाहित पुरुषों को शादी का झांसा देकर उन्हें वाराणसी लाता था। इसके बाद गिरोह के सदस्य योजनाबद्ध तरीके से विभा को दिखाते थे। लड़की पसंद आते ही शादी कराने और विदाई तक का कार्य करते थे। इसके बाद लड़की रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर बहाने से अपने गिरोह के सदस्य जिसे वह भाई बताती थी उसके साथ नौ दो ग्यारह हो जाती थी। लड़की के फरार होने के बाद पीड़ितों को ठगी का पता चलता था। सुमेर सिंह ने राजस्थान के नागौर जिले के पर्वबतसर वार्ड दो निवासी धनश्याम को वाराणसी में शादी कराने का झांसा दिया।
उन्होंने बताया कि वहां मेरी साली संगीता कुंवारी है। उसी से तुम्हारी शादी करायेंगे। इस पर घनश्याम तैयार हो गया और अपने छोटे भाई महाबीर राम के साथ वाराणसी आ गया। यहां सुमेर ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में संगीता से मिलवाया। लड़की पसंद आते ही नगवां लंका स्थित एक घर में 1,17,000 रुपए लेकर संगीता से घनश्याम की शादी रचाई गई। शादी की रस्म पुरी होने के बाद विदाई करा कर लड़की समेत सभी बनारस स्टेशन पर पहुंचे। स्टेशन पर संगीता बहाने से अपने साथी के साथ मोटरसाइकिल से फरार हो गई। पीड़ित घनश्याम की तहरीर पर पुलिस सुमेर,लुटेरी दुल्हन और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश में जुटी हुई थी।