Video: गर्भ में कैसे बढ़ता है बच्चा, देखकर आप भी रह जाएंगे दंग

गर्भावस्था हर स्त्री के लिए उसके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, जैसे-जैसे बच्चा गर्भ में विकसित होता है मां को ये जानने की उत्सुकता बढ़ती जाती है उसके गर्भ में पल रहा बच्चा अभी क्या कर रहा है,कितना विकसत हो चुका है, उसके शरीर में कौन-कौन से अंग विकसित हो चुके हैं । अगर आप भी पहली बार मां बनने जा रही हैं और अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की विकास प्रक्रिया के बारे में जानना चाहती हैं तो चलिए आपको गर्भ में शिशु के विकास की अनूठी प्रकिया के बारे में बताते हैं।

दरअसल गर्भ में भ्रूण के निर्माण से बच्चे के जन्म तक के अवस्था को तीन ट्राइमेस्टर में बांटा जा सकता है..

पहला ट्राइमेस्टर

पहले ट्राइमेस्टर में गर्भधारण के पहले महीने से लेकर तीसरे महीने का समय शामिल होता है यानी कि 1 से 12 सप्ताह । गर्भावस्था के ये शुरूआत तीन महीने बहुत अहम होते हैं क्योंकि इस दौरान भ्रूण तेजी से विकसित हो रहा होता है। शुरूआत के तीन महीनों में ही गर्भस्थ बच्चे के अंग बनते हैं।सबसे पहले गर्भाश्य में विभाजित कोशिकाओं की बॉल्स एक भ्रूण का रूप ले लेते हैं और फिर शरीर में अल्पविकसित नाल और गर्भनाल जो बच्चे को पोषण और ऑक्सीजन देने का कार्य करते है वो एक्टिव हो जाते हैं। इसके बाद पहले महीने में ही बच्चे का सिर, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, फेफड़े और दिल जैसे महत्वपूर्ण अंग आकार लेने लगते हैं। वहीं दूसरे महीने में बच्चे के दूसरे अंग, मांसपेशियां, हड्डियां, हाथ और पैर बढ़ने लगते हैं और साथ ही बच्चे का का पाचनतंत्र, श्वसनतंत्र और मूत्र प्रणाली भी आकार लेने लगते हैं।

इसके बाद पहले ट्राइमेस्टर के आखिरी चरण यानि कि तीसरे महीने के दौरान भ्रूण की पलकें, हाथों और पैर की उंगलियां बनने लगती हैं। साथ ही बच्चे का चेहरा ठीक प्रकार से बन जाता हैं.. इस दौरान सिर गोल शेप लेने लगता हैं.. आंतरिक कान जहां ठीक से बनने लगता है वहीं बाहरी कान अपना विशेष आकार ग्रहण करने लगता है।

दूसरा ट्राइमेस्टर

दूसरे ट्राइमेस्टर में चार से छह महीने शामिल होते हैं यानी कि 13 से 24 सप्ताह का समय। दूसरे ट्राइमेस्टतर में बच्चा अधिक सक्रीय हो जाती है और बच्चे के हरकतों के बारे में इसी ट्राइमेस्ट में अहसास होने लगता है .. इस दौरान चौथे महीने में भ्रूण का कद तेजी से विकसित होने लगता है और दूसरे सभी अंग भी ठीक से बनने लगते हैं , वहीं जोड़ों में सख्ती आने लगती है। पांचवें महीने में बच्चे के अंगो में भी परिवर्तन आने लगता हैं, अल्ट्रासाउंड में उंगलियों के निशान और पैरों के निशान भी देखे जा सकते हैं.पांचवे महिने में बच्चा गर्भ के अंदर अपने अंगों से व्यायाम करने के लिए सक्षम हो जाता है और वो अपना अंगूठे चूसना शुरू कर देता है। वहीं छठे माह के दौरान आपका बच्चा अब आपकी आवाज और संगीत सुन सकता हैं और वो पेट में हरकत भी शुरू करने लगता हैं जिससे आपको बच्चे की किक महसूस होती है।

तीसरा ट्राइमेस्टर

तीसरे ट्राइमेस्टर में सात से नौ महीने और उसके बाद जन्म तक का समय शामिल होता है। यानि कि 25 से 36 सप्ताह या उसे अधिक 40-42 सप्ताह का वक्त होता है। इस दौरान बच्चे का विकास तीव्र गति से होता है जिससे मां का वजन भी बढ़ने लगता है। इस दौरान सातवें महीने में बच्चा आँखें खोलना और बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। वहीं आठवें महीने में बच्चा पूरी तरह बन चुका होता है और ऊपर से नीचे की स्थिति में भीतर गर्भ में प्रवेश करना शुरू करता है। इसके बाद नौवें मबीने में बच्चे के विकास लगभग पूरा हो चुका होता है,उसके वजन में तेजी से वृद्धि होती है और इस दौरान उसके मस्तिष्क और फेफड़े भी परिपक्व हो चुके हैं। अब बच्चा जन्म लेने के लिए लगभग तैयार होता है।

ये है भ्रूण निर्माण से बच्चे के जन्म तक की पूरी प्रक्रिया जिसे आप इस वीडियो के जरिए समझ सकते हैं ..

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