
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अमेरिका पर बहुत टैरिफ लगाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- भारत हम पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। वैसे, वे सहमत हो गए हैं, वे अब अपने टैरिफ में कटौती करना चाहते हैं। हालांकि, अभी पूरे मामले पर भारत की ओर से टैरिफ कम करने को लेकर आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई है।
#WATCH वाशिंगटन, डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "भारत हम पर बहुत ज़्यादा टैरिफ़ लगाता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते…वैसे, वे सहमत हो गए हैं, वे अब अपने टैरिफ़ में कटौती करना चाहते हैं क्योंकि कोई तो आख़िरकार उनके किए की पोल खोल रहा है…"
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को मेक्सिको और कनाडा से आयात पर 25% टैरिफ लागू कर दिया। वहीं, चीन के समान पर शुल्क दोगुना करके 20 फीसदी कर दिया। अब अमेरिका का इन तीनों बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ नए व्यापारिक संघर्षों की शुरुआत हो गई।
टैरिफ लागू करने से पहले ट्रंप ने कहा- तीनों देश अमेरिका में घातक फेंटेनाइल ओपिओइड और अन्य ड्रग्स के प्रवाह को रोकने में विफल रहे। इसके बाद चीन ने कहा कि यदि अमेरिका टैरिफ युद्ध या किसी भी प्रकार का संघर्ष चाहता है तो चीन अंत तक लड़ने के लिए तैयार है।
अमेरिका की ओर से टैरिफ नियम लागू करने के बाद चीन के US दूतावास ने भी प्रतिक्रिया दी है। चीन के US दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई अन्य प्रकार का युद्ध हो, हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं।
चीन ने अमेरिका के टैरिफ लगाने पर दी प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर लिखा था- चीन को धमकी देना काम नहीं आएगा। टैरिफ को लेकर चीन का पलटवार अमेरिका के लिए झेलना आसान नहीं होगा और एक्सपर्ट्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या अमेरिका की जनता कीमतों में भारी इजाफे को बर्दाश्त करने के लिए तैयार है?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था- धमकियों से चीन नहीं डरता और दबाव या जबरदस्ती से निपटने का यह सही तरीका नहीं है। उन्होंने फेंटेनाइल संकट के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका की सहायता के लिए मजबूत कदम उठाए हैं, लेकिन अमेरिका ने चीन पर दोष मढ़ने और उसे बदनाम करने की कोशिश की है.
बता दें कि, 10 मार्च से चीन ने भी अमेरिका के टैरिफ नियम का पटलवार करते हुए कुछ अमेरिकी आयातों पर 10%-15% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने और नए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की है। हालांकि, इस असर अब अमेरिका पर क्या पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
चीन ने कहा- इस संकट के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार है। अमेरिकी लोगों के प्रति मानवता और सद्भावना की भावना से हमने इस मुद्दे से निपटने में अमेरिका की मदद करने के लिए हमें कई कड़े कदम उठाए हैं। हमारी कोशिश को स्वीकार करने की जगह अमेरिका हम पर ही दोष लगा रहा है और बदनाम करने की साजिश कर रहा ही। वो हमें मदद करने के लिए सजा दे रहे हैं। यह अमेरिका की समस्या का समाधान नहीं करेगा। इससे दोनों देशों के बीच सहयोग कमजोर होगा।
टैरिफ क्या है?
आपको बता दें टैरिफ एक तरह का टैक्स है जो सरकार आयात या निर्यात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना, घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना, राजस्व कमाना और व्यापार संतुलन बनाना होता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- आगामी 1 अप्रैल से जो भी देश अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाएगा उस पर हम भी उतना ही टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप ने दूसरे देशों ने दशकों से अमेरिका के खिलाफ टैरिफ का यूज किया है। और अब अमेरिका की बारी है कि टैरिफ का इस्तेमाल उन देशों के खिलाफ लगाए जिन्होंने अमेरिका के खिलाफ लगाया है। ट्रंप ने पहली बार अमेरिका पर टैरिफ लगाने वाले देशों का नाम गिनाए, राष्ट्रपति ने कहा औसतन, यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको और कनाडा हम पर टैरिफ लगाते हैं। कई देश हमसे ज्यादा टैरिफ वसूलते हैं। क्या आपने ये सब सुना है।