VIDEO : वाहनों-दुकानों पर तोड़फोड़ कर लगाई आग…नागपुर हिंसा की कहानी, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

महाराष्ट्र के नागपुर में समुदाय विशेष के दंगाइयों ने (17 मार्च) को जमकर उत्पात मचाया। दंगाई भीड़ ने लोगों पर पथराव किया, कई वाहनों में आग लगाई और लाखों की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसक घटना में 15 पुलिसकर्मियों समेत 20 लोगों के घायल होने की खबर है। CM फडणवीस ने कहा है कि दंगे को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, नागपुर के चिटनिस पार्क से शुरू हुई हिंसा महल इलाके से होती हुई कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र तक फैल गई थी। पुलिस समेत कई अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने बयान में कहा है कि अफवाह के चलते दंगे भड़के। लेकिन ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें दंगाई हिंदुओं के प्रतीक चिह्न लगे वाहनों के साथ तोड़फोड़ करते नजर आए। इस दौरान मौके पर मौजूद कई लोगों ने दंगाइयों की करतूतों को एकदम करीब से देखा है। इसमें से कुछ लोगों से मीडिया ने भी बात की है। इसमें से एक शरद गुप्ता ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि वह अपनी दुकान बंद करने के बाद रात करीब 10:30 बजे घर लौटे। जब वह घर पर खाना खा रहे थे, तब उन्हें बाहर शोर सुनाई दिया। जब वह बाहर देखने गए, तो उन्होंने देखा कि दंगाई वाहनों में आग लगा रहे थे। उन्होंने आगे कहा, “जब हमने उनसे चिल्लाकर वाहनों को जलाने से मना किया औरआग बुझाने की कोशिश की, तो दंगाई भीड़ ने मुझ पर पत्थरबाजी कर दी। दंगाइयों ने मेरे दो वाहन और पास में खड़े कुछ अन्य वाहन जला दिए। मैंने और कई अन्य लोगों ने पुलिस को फोन किया। लेकिन दंगाइयों के जाने के काफी देर बाद पुलिस आई।” दंगाई भीड़ को पास से देखने वाले चंद्रकांत कावड़े ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि दंगा समाप्त होने के करीब आधे घंटे बाद पुलिस आई थी। हिंसक भीड़ में लगभग 200 दंगाई शामिल थे। उन्होंने उनकी और उनके भाई की बाइकें जला दीं। कावड़े ने यह भी कहा कि उनकी बाइक के साथ ही रामनवमी शोभायात्रा के लिए सजावट का सामान रखा हुआ था, जिसे दंगाई घसीट ले गए और आग लगा दी। उन्होंने यह भी कहा कि दंगाई भीड़ ने यह सब करने से पहले CCTV कैमरे तोड़ दिए थे। हिंसा के प्रत्यक्षदर्शियों में से एक पीड़ित व्यक्ति ने बताया, “करीब 1000 लोगों की भीड़ रात 8:30 बजे अचानक इलाके में घुस आई और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू कर दी। हमारी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर बच्चे थे, वहां तक पत्थर फेंके गए। 25-30 गाड़ियों को तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया गया।” एक स्थानीय महिला ने दहशत भरी आवाज़ में कहा, “भीड़ पूरी तैयारी के साथ आई थी। उनके चेहरे ढके हुए थे, हाथों में हथियार थे। वे उग्र नारेबाजी कर रहे थे, पत्थर बरसा रहे थे। दुकानों और घरों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ की, गाड़ियां जलाईं। हमारे घर की खिड़कियाँ चकनाचूर हो गईं। यह हमला बाहर से आए लोगों ने किया था, यह साफ दिख रहा था।” हिंसा के बाद इलाके में डर और आक्रोश का माहौल है। हिंदू समुदाय इसे एक सोची-समझी साजिश मान रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।”    

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