VIDEO : कृष्ण नगरी द्वारका में 7 आइलैंड्स पर बने 36 अवैध मजहबी ढांचों पर चला बुलडोज़र, 8 दिनों में अतिक्रमण मुक्त की गई. …

गुजरात में श्री कृष्ण की पवित्र नगरी द्वारका(Dwarka) के 7 द्वीपों को अतिक्रमण से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। यहां अवैध रूप से बनाए गए 36 मजहबी ढांचे तोड़ दिए गए, जिससे अब द्वारका के ये द्वीप 100% अतिक्रमण मुक्त हैं। यह कार्रवाई राज्य सरकार ने तेज़ी से की, और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इसे सरकार की धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत किया है।

द्वारका की पवित्रता हुई संरक्षित

गुजरात के द्वारका जिले के 7 द्वीपों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “DevBhoomi Dwarka! अब द्वारका के 7 द्वीप 100% अतिक्रमण मुक्त हो गए हैं। कुल 36 अवैध ढांचे सफलतापूर्वक हटा दिए गए हैं।” https://twitter.com/sanghaviharsh/status/1881575245544562763?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1881575245544562763%7Ctwgr%5Ed21e145f50bcfc8dbc45062695a15e513efa261a%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fpublish.twitter.com%2F%3Furl%3Dhttps%3A%2F%2Ftwitter.com%2Fsanghaviharsh%2Fstatus%2F1881575245544562763 उन्होंने यह भी कहा कि यह ऐतिहासिक कार्रवाई प्रशासन और उनकी टीम की दृढ़ प्रतिबद्धता और मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया। यह कदम न केवल द्वारका की पवित्रता को संरक्षित करने के लिए है, बल्कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों की सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है।

8 दिनों में अतिक्रमण मुक्त की गई 1,00,642 स्क्वायर मीटर जमीन

गुजरात के द्वारका से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित ‘बेट द्वारका’ में सरकार ने 8 दिनों तक चली बुलडोज़र कार्रवाई के माध्यम से अवैध अतिक्रमण हटाने का बड़ा अभियान चलाया। इस कार्रवाई में अब तक 1,00,642 स्क्वायर मीटर जमीन अतिक्रमण मुक्त कर दी गई है। जनवरी के पहले सप्ताह में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस दिए गए थे, जिसके बाद 11 जनवरी से बुलडोज़र की कार्रवाई शुरू की गई। इस अभियान के दौरान 400 से अधिक अवैध निर्माण ढहाए गए। इनमें 364 आवासीय ढांचे, 13 अन्य संरचनाएं और 9 व्यावसायिक भवन शामिल थे। सरकार के इस प्रयास ने न केवल द्वारका की पवित्रता को संरक्षित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।  

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें