
शूटआउट एट वडाला, काबिल जैसी बेहतरीन फिल्में डायरेक्टर कर चुके संजय गुप्ता ने अपनी राय सोशल मीडिया पर जाहिर की। अपने X हैंडल पर उन्होंने एक पोस्ट किया और बताया कि ऐसे फैसले लेने के लिए ‘गट्स’ चाहिए होती है। इसलिए विक्रांत की आलोचना नहीं बल्कि सराहना होनी चाहिए।
12वीं फेल एक्टर विक्रांत मैसी ने रिटायरमेंट का ऐलान क्या किया, फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मच गई। कोई उन्हें सपोर्ट करता दिखा तो वहीं कई सेलिब्रिटीज ने उनके इस फैसले की आलोचना भी की। फिल्म मेकर संजय गुप्ता के मुताबिक विक्रांत के ब्रेक लेने का डिसीजन हिम्मतभरा रहा। संजय ने फिल्म मेकर हंसल मेहता का उदाहरण देते हुए बताया कि कभी कभी ऐसा करना कितना सही होता है। वहीं डायरेक्टर अपूर्व असरानी ने इस विक्रांत के इस फैसले पर असहमति जताई।
शूटआउट एट वडाला, काबिल जैसी बेहतरीन फिल्में डायरेक्टर कर चुके संजय गुप्ता ने अपनी राय सोशल मीडिया पर जाहिर की। अपने X हैंडल पर उन्होंने एक पोस्ट किया और बताया कि ऐसे फैसले लेने के लिए ‘गट्स’ चाहिए होती है। इसलिए विक्रांत की आलोचना नहीं बल्कि सराहना होनी चाहिए।
संजय ने लिखा- 2008 में हंसल मेहता ने फिल्म इंडस्ट्री और मुंबई छोड़ दी थी। अपने परिवार के साथ वो लोनावला के मलावाली नाम के एक छोटे से गांव में रहने चले गए थे। इस दौरान उन्होंने खुद को फिर से नए सांचे में ढाला, खुद को फिर से खोजा और 2012 में अपने करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म शाहिद के साथ वापसी की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
‘क्या आपको एहसास है कि ऐसा करने के लिए कितनी हिम्मत की जरूरत होती है? परिवार की देखभाल करने और फिर कभी डायरेक्शन ना करने की संभावना के बावजूद सब कुछ छोड़कर चले जाना? इसके लिए हिम्मत, फ्लेक्सीबिलिटी और खुद पर बहुत ज्यादा भरोसा चाहिए। एक तरह से विक्रांत मैसी भी यही कर रहे हैं। कम्पीटीशन, इनसिक्योरीटी, जलन, दुश्मनी के इस दौर में एक एक्टर के लिए ब्रेक लेना और एक पिता, एक पति और एक बेटे के रूप में अपने कर्तव्यों पर फोकस करना हिम्मत की बात है। उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए ना कि आलोचना की जानी चाहिए।’
साबरमती रिपोर्ट फिल्म कर की गलती
हालांकि इसके उलट डायरेक्टर अपूर्व असरानी ने उनकी फिल्म चॉइस पर सवाल उठाए और कहा कि वो समझ गए हैं कि उन्होंने क्या गलती की थी। इसी वजह से ब्रेक का ऐलान किया। अपूर्व के मुताबिक विक्रांत का द साबरमती रिपोर्ट फिल्म करने का फैसला गलत था।
वो बोले- उन्होंने द साबरमती रिपोर्ट फिल्म करके और फिर इस सरकार का खुलकर समर्थन करके एक बड़ी गलती की। वो भूल गए कि सबसे बड़े मंच, फिल्म मेकर्स के खानदान, मीडिया और अवॉर्ड्स अब ‘लिबरल’ हैं, जो अब कभी भी उनके टैलेंट को वो हक नहीं देंगे। जाग जाओ या खाली हो जाओ विक्रांत मैसी।
बता दें, विक्रांत की हाल ही में साबरमती रिपोर्ट फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें उनके साथ राशि खन्ना और रिद्धी डोगरा भी थीं। ये फिल्म 2002 में हुए गोधरा कांड पर बेस्ड थी। फिल्म को सरकार से भी पूरा सपोर्ट मिला है और कई शहरों में टैक्स फ्री घोषित किया गया है।















