
झाँसी। जनपद में बामौर विकासखंड के ग्राम विकास अधिकारी महीपत सिंह निरंजन को सरकारी कार्य के दौरान कुछ दबंगों ने धमकाया और सरकारी दस्तावेज नष्ट कर दिये, यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन चार दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विगत 5 मार्च को ग्राम विकास अधिकारी महीपत सिंह निरंजन सरकारी कार्य से ग्राम पंचायत गेंदाकबूला की गौशाला का निरीक्षण करने जा रहे थे। जब वे एरच बैंदा रोड पर स्थित राजीव कुमार के मकान के सामने पहुंचे, तो रामप्रकाश यादव, हरीपत यादव (पुत्रगण परमोले, निवासी कठरी थाना एरच) और दो अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें घेर लिया।
आरोप है कि इन लोगों ने सरकारी दस्तावेज जबरन छीनकर फाड़ दिए और अधिकारी को जान से मारने की धमकी दी। इस घटना से घबराए महीपत सिंह ने तुरंत थाना एरच में फोन कर सूचना दी और बाद में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई। घटना को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया और न ही आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। इससे पीड़ित अधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
महीपत सिंह निरंजन ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए जिला विकास अधिकारी और खंड विकास अधिकारी बामौर को भी इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है और आशंका जताई है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस मामले में थाना प्रभारी नीलेश कुमारी का कहना है कि शिकायत मिली है और मामले की जांच कराई जा रही है। हालांकि, पुलिस की अब तक की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस की देरी से सरकारी कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। अब देखना होगा कि उच्च अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और पीड़ित अधिकारी को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।