गोमती नगर के हुसड़िया चौराहा स्थित एडॉक फिलिंग स्टेशन पर शनिवार दोपहर में पानी मिले पेट्रोल के वितरण को लेकर हंगामा शुरू हो गया। देखते ही देखते वाहन चालक हाथों में पेट्रोल भरी बोतलें लेकर पहुंचने लगे। वाहन चालकों का घंटों हंगामा चला।
उन्होंने पंप संचालक पर पानी मिला पेट्रोल बेचने व उससे वाहन खराब हो जाने का आरोप लगाया। बढ़ते हंगामे की सूचना पर पुलिस व सप्लाई से जुड़ी तेल कंपनी आईओसी समेत आपूर्ति व बाटमाप विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
पंप से पेट्रोल भरवाने के बाद खराब हुए वाहनों की जांच कराई गई तो पता चला कि पानी मिला पेट्रोल टंकी में जाने के कारण वाहन बंद हुए। हंगामा बढ़ता देख पंप संचालक ने पेट्रोल के पैसे वापस किए और गाड़ी की मरम्मत कराने का आश्वसान दिया। वहीं पुलिस पूछताछ के लिए पंप मैनेजर लालबहादुर को हिरासत में ले लिया।
हुसड़िया चौराहा स्थित आईओसी के पंप से सामान्य दिनों की तरह डीजल-पेट्रोल वितरण हो रहा था। शनिवार को दोपहर तीन बजे के बाद पंप से मोटर साइकिल में पेट्रोल भरवाने पहुंचे शिवम पांडेय ने दो लीटर पेट्रोल भरवाया।
उनका कहना है कि पंप से थोड़ी ही दूर पहुंचने पर मोटरसाइकिल झटका लेकर बंद हो गई। काफी प्रयास के बाद भी र्स्टाट न हो पाने पर जब समीप स्थित एक मैकेनिक को दिखाया तो उसने टंकी में पानी जाने की बात कही।
शिवम मोटरसाइकिल को घसीट वापस पंप पर पहुंचे। वहां देखा कि कई अन्य वाहन चालक पानी मिला पेट्रोल दिए जो के कारण खराब वाहन लेकर पहुंचे हैं। आक्रोशित चालकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस व अफसर वहां पहुंचे और जांच के बाद पंप से पेट्रोल का वितरण बंद करा दिया। आपूर्ति विभाग व बाटमाप विभाग की टीम ने पंप से वितरित पेट्रोल के कुछ नमूने सीज कर लैब जांच को भेज दिए हैं।
मामला गर्माया तो लौटाए गए ग्राहकों के पैसे
लोगों का बढ़ता हंगामा देख पंप डीलर कौशलेंद्र ने स्टोरेज टैंक में रिसाव से पानी चले जाने की सफाई दी। साथ ही वाहन चालकों को पेट्रोल के पैसे वापस किए। वाहन मरम्मत की चालकों की मांग को स्वीकार कर हंगामा शांत कराया और पंप से पेट्रोल-डीजल का वितरण बंद किए जाने की जानकारी दी।
ये कैसी लापरवाही और अनदेखी
मौके पर पहुंची तेल आपूर्ति कंपनी आओसी के विशेषज्ञों ने जांच कर रिसाव से पानी जाने की बात कही। उन्होंने बताया कि पंप के डीजल वितरण टैंक के समीप से गुजरने वाली पानी की लाइन में रिसाव के कारण पानी पेट्रोल में पहुंचा। इसकी जानकारी डिलीवरीमैन को नहीं हो सकी। चाहे रिसाव हो या जानबूझ कर ऐसा किया गया हो…। कारण चाहे जो हो नुकसान तो वाहन चालकों को उठाना पड़ा। वहीं आईओसी के चीफ मैनेजर एमके अवस्थी ने भी इस मामले में पंप डीलर से पूछताछ के बाद बरती गई लापरवाही के लिए विभागीय कार्रवाई की बात कही है।
अब टैंक बदलने के बाद ही होगा पेट्रोल का वितरण
आईओसी के अधिकारियों ने बताया कि पंप के स्टोरेज फ्यूल टैंक को खाली कराके इसकी सघन जांच बाद लीकेज के कारण को ढूंढा जाएगा। गड़बड़ी को दुरुस्त करने के बाद ही पंप पर पुन: पेट्रोल वितरण चालू कराया जाएगा।
ईथेन की मौजूदगी में पानी की चंद बूंदे खतरनाक
तेल कंपनी के अधिकारी के मुताबिक, पंपों पर पेट्रोल में ईथेन ऑयल की एक निश्चित माप मिलाकर ही बिक्री होती है। ईथेन ऑयल युक्त पेट्रोल में पानी की चंद बूंद ही केमिकल रिएक्शन कर अच्छी खासी पेट्रोल मात्रा को पानी युक्त बना देती है। इससे वाहन को नुकसान होता है।