दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ अब वहां स्मॉग का खतरा बढ़ने वाला है। अगले दो दिन तक सुबह के समय हल्की धुंध नजर आ सकती है। 23 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर के इलाकों पर एक ताजा सिस्टम का प्रभाव दिखेगा। हवा का रफ्तार कम होने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ेगा।
मौसम विभाग ने कहा है हवा की दिशा बदलने और रफ्तार कम होने के चलते अगले 4-5 दिनों के बीच एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 200 के पार यानी हवा खराब श्रेणी में रह सकती है। इस बीच शुक्रवार को केंद्र के साथ राज्यों की एक संयुक्त बैठक में दिल्ली सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाने की बात कही।
पड़ोसी राज्यों से आता है प्रदूषण- दिल्ली मंत्री गोपाल राय
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक के दौरान दिल्ली ने पूरे एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय सुझाए। इससे पहले, गोपाल राय ने केंद्र से सर्दियों के मौसम के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्लान बनाने के लिए सभी एनसीआर राज्यों की एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया था, उस लेटर में राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम के दौरान वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन ये कदम तब तक प्रभावी नहीं होंगे जब तक कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश एनसीआर में प्रदूषण पर ध्यान नहीं दिया जाएगा।
मुंबई नगर निगम ने दी बड़ी चेतावनी
दिल्ली के अलावा मुंबई में भी एयर क्वॉलिटी खराब होने लगी है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने चेतावनी दी है कि अगर धूल और प्रदूषण रोकने के उपाय नहीं किए गए तो वह उन कंस्ट्रक्शन साइट को बंद करवा देगी जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। एक ऑफिशियल नोटिस में नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल के हवाले से शुक्रवार को कहा गया कि वर्तमान में शहर में 6,000 साइटों पर निर्माण कार्य चल रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चला है कि दिन के दौरान शहर में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 (खराब) से ऊपर था। जिसके बाद नगर निगम आयुक्त ने कहा कि, सभी साइट पर मानकों का पालन हो। जो लापरवाही बरत रहे हैं उनका निर्माण रोक दिया जाएगा, चाहे वह निजी हो या सरकारी काम।
63% लोग खतरनाक वायु प्रदूषण का शिकार बन रहे
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की पूरी 1.3 अरब आबादी गंदी हवा में सांस ले रही है। वहीं 63% लोग ऐसे हैं जो बेहद खतरनाक वायु प्रदूषण का शिकार बन रहे हैं। पूरे देश में हवा का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सुझाए स्तर से काफी खराब है।