जलवायु परिवर्तन पर रूस के राजदूत और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी माने जाने वाले अनातोली चुबैस ने यूक्रेन युद्ध के विरोध में अपना पद छोड़ दिया है।
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि चुबैस ने देश भी छोड़ दिया है। रूसी सरकार (क्रेमलिन) ने भी चुबैस के पद छोड़ने की पुष्टि की है।
यूक्रेन पर हमले के विरोध में अपना पद छोड़ने वाले चुबैस सबसे शीर्ष अधिकारी हैं।
चुबैस ने दिलाई थी पुतिन को क्रेमलिन में पहली नौकरी
66 वर्षीय चुबैस को 1990 के दशक में रूस में हुए आर्थिक सुधारों के प्रमुख सूत्रधारों में से एक माना जाता है और पश्चिमी देशों के अधिकारियों के साथ उनके करीबी संबंध रहे हैं।पुतिन को क्रेमलिन में पहली नौकरी उन्होंने ही दिलाई थी और वह उनके पहले बॉस रहे थे। इसके बाद दशक के अंत में जब पुतिन खुद सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे तो चुबैस ने इसका स्वागत किया।
पुतिन के कार्यकाल में कई अहम पदों पर रह चुके हैं चुबैस
अपने दशकों लंबे करियर में चुबैस कई बड़े पदों पर रह चुके हैं। पुतिन के कार्यकाल में भी उन्होंने कई अहम पद संभाले हैं। वह देश की कई सरकारी कंपनियों के चेयरमैन रहे और पिछले साल ही पुतिन ने उन्हें सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर अपना विशेष दूत बनाया था।
मामले की जानकारी रखने वालों लोगों ने बताया कि चुबैस ने अपने साथियों और दोस्तों को पत्र लिखते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान किया।
हमले के विरोध में पूर्व वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार भी दे चुके हैं इस्तीफा
बता दें कि चुबैस यूक्रेन पर हमले के विरोध में इस्तीफा देने वाले रूस के पहले बड़े अधिकारी नहीं हैं। पिछले हफ्ते ही अर्काडी ड्वोर्कोविच ने सरकार समर्थित एक संस्थान के प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया था।
ड्वोर्कोविच दिमित्री मेदवदेव के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उनके वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार रहे थे और यूक्रेन युद्ध के खिलाफ बोलने वाले रूस के चुनिंदा पूर्व अधिकारियों में शामिल हैं। वह अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघ के अध्यक्ष भी हैं।
युद्ध के आलोचकों को साफ करने की चेतावनी दे चुके हैं पुतिन
गौरतलब है कि युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूसी सरकार ने हमले के घरेलू आलोचना पर दबाव बढ़ा दिया है।
16 मार्च को पुतिन ने इन आलोचकों पर छिप कर अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए काम करने का आरोप लगाया था और चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से गद्दारों को साफ कर देंगे। युद्ध के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सैकड़ों आम लोगों को भी जेल के अंदर डाला जा चुका है।
यूक्रेन-रूस युद्ध में क्या हो रहा है?
आज रूस-यूक्रेन युद्ध का 29वां दिन है और रूस अभी तक कोई भी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाया है।यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास रुसी सेना तीन तरफ से घिर गई है और आगे नहीं बढ़ पा रही है।मारियुपोल पर उसके हमले लगातार जारी हैं और शहर खंडहर में तब्दील हो चुका है।रूस ने उसके अस्तित्व पर खतरा होने पर परमाणु बम इस्तेमाल करने की धमकी भी दी है। अमेरिका इसके लिए तैयार कर रहा है।