बिहार में RJD का CM फेस कौन? जानिए साथ चुनाव लड़कर कांग्रेस और राजद कैसे छीनेंगे राजग के वोट

Seema Pal

बिहार में सियासी घमासान के बीच कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीएम उम्मीदवार को लेकर विवाद शुरू हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव को सीएम फेस बता रही है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें सीएम उम्मीदवार मानने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद अब सीएम फेस का फैसला महागठबंधन पर छोड़ दिया गया है। जिसके बाद अब बिहार चुनाव में कांग्रेस और राजद के बीच फूट पड़ने की चर्चा ने तेजी पकड़ ली है। मगर, राजनीनिक विशेषण की रिपोर्ट की मानें तो बिहार में राजग गठबंधन को हराने के लिए महागठबंधन की आवश्यकता है। कांग्रेस और राजद के एक साथ चुनाव लड़ने से जेडीयू और भाजपा दोनों ही दल कमजोर पड़ सकते हैं।

बिहार में कांग्रेस-राजद के वोट समीकरण

बिहार में भाजपा और जेडीयू के नेतृत्व वाले राजग गठबंधन के सामने कांग्रेस और राजद का महागठबंधन चुनाव लड़ेगा। पटना और बेगूसराय में जेडीयू के साथ मिलकर कांग्रेस जमकर पसीना बहा चुकी है। दोनों ही दल एकजुटता दिखाते हुए बिहार में बेरोजगारी मुद्दे को आधार पर बनाकर युवाओं को अपने में खेमे में लेने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके तहत कांग्रेस ने बिहार में दलित वोटर को आकर्षित करने के लिए पहले ही प्लान बना चुकी है। इसी के तहत कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से अखिलेश सिंह को हटाकर उनकी जगह पर राजेश कुमार को कमान सौंपी है।

वहीं राजद की बात करें तो बिहार में ये पार्टी सवर्णोंं के वोटों पर निर्भर रहती है। यानी कि राजद सवर्ण वोटों को आकर्षित करने में ध्यान केंद्रित करती है, जिससे दलित वोटर्स इतर-बितर हो जाते हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस और राजद मिलकर भाजपा और जेडीयू का सामने करेगी तो यह तय है कि महागठबंधन को सवर्ण के साथ-साथ दलितों का भी साथ मिलेगा, जिसका फायदा विधानसभा चुनाव परिणाम में सकारात्मक हो सकता है।

महागठंबधन में सीएम उम्मीदवारी पर फंसा पेंच

हालांकि, महागठबंधन में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चेहरे को लेकर घमासान जारी है। राजद ने जहां सीेएम फेस को लेकर तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगा दी है। लेकिन कांग्रेस ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। इसपर जब कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू की ओर से बयान जारी किया गया कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को सीएम फेस नहीं मानेगी और अगर ऐसा हुआ तो पार्टी बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी। वहीं, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने प्रभारी को बयानवीर कहकर इस बात से पलड़ा झाड़ भी लिया। अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस बिहार में अकेले चुनाव नहीं लड़ सकती है। जब बिहार में एक मजूबत दल होकर भाजपा जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है तो कांग्रेस अकेले कैसे लड़ सकती है।

अखिलेश सिंह ने कहा, “कुछ बयान वीरों को बयान देने की आदत है। उनको बयान देने से बचना चाहिए। जिनको राजनीति की समझ नहीं है। वह इस तरह की बात कर सकते है। कांग्रेस बहुत गंभीरता से बिहार विधानसभा चुनाव को ले रही है। विभिन्न क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां व्यापक तौर पर काम हो रहा है।

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