
कैसे बने ‘ही-मैन’? धर्मेंद्र को बॉलीवुड का ‘ही-मैन’ कहा जाता है और इसकी शुरुआत 1966 में रिलीज हुई फिल्म फूल और पत्थर से हुई। इस फिल्म में उनके एक शर्टलेस सीन ने उन्हें लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। उनकी दमदार बॉडी, एक्शन सीन्स और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें हिंदी फिल्मों का सबसे बड़ा एक्शन हीरो बना दिया। मैग्जीनों और मीडिया में लगातार उनकी तस्वीरें छपने लगीं और जल्द ही ‘ही-मैन’ उनका स्थायी टैग बन गया। फिल्मों के साथ संघर्ष की कहानी भी फूल और पत्थर की सफलता ने जहां धर्मेंद्र की जिंदगी बदल दी, वहीं संघर्ष के दिनों को याद करते हुए उनका एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा है। सफलता मिलने के बाद उन्होंने फिएट कार खरीदी थी। भाई के बेहतर कार लेने के सुझाव पर धर्मेंद्र ने कहा था— “इस इंडस्ट्री का भरोसा नहीं, अगर काम नहीं मिला तो फिएट को टैक्सी बनाकर चला लूंगा, फिर स्ट्रगल कर लेंगे।” हालांकि वह दिन कभी नहीं आया। धर्मेंद्र लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और करोड़ों दिलों पर राज करते रहे। छह दशक लंबा शानदार सफर धर्मेंद्र ने छह दशक से ज्यादा समय फिल्म इंडस्ट्री में बिताए। एक्शन, रोमांस और कॉमेडी—हर शैली में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2012 में पद्म भूषण, 2004 में भारतीय सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ योगदान पुरस्कार और 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। धर्मेंद्र के निधन से पूरे बॉलीवुड और देश में शोक की लहर है। उनका योगदान और उनसे जुड़ी यादें प्रशंसकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।Veteran actor Dharmendra | Film director Karan Johar posts on Instagram – "It is an end of an ERA….. a massive mega star… the embodiment of a HERO in mainstream cinema… incredibly handsome and the most enigmatic screen presence … he is and will always be a bonafide Legend of… pic.twitter.com/Vq1EjyeB3Z
— ANI (@ANI) November 24, 2025















