नई दिल्ली: कानपुर के इतिहास में यह दूसरा मामला है जब किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। शहर के ग्वालटोली इलाके में एक दामाद ने अपनी सास और दो सालों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। जिसके बाद मंगलवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। दोषी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया था। मामले में सुनावाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी पत्नी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। शहर में ये दूसरा मामला है जब कोर्ट ने फांसी का फैसला सुनाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
इससे पहले छात्र नेता चक्रेश अवस्थी की हत्या के आरोप में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने बाद में आरोपियों की सजा को बदलकर उम्र कैद कर दिया था। दरअसल, आरोपी अपनी पहली पत्नी की हत्या के मामले में पहले ही जेल की सजा काट रहा था।
10 साल जेल में रहने के बाद आरोपी जाकिर पैरोल पर बाहर आया और उसी दौरान उसका गांव की एक लड़की से प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। दोनों भाग कर कानपुर आ गए और नाम बदलकर रहने लगे। साल 2013 में जब लड़की की मां अपने तीनों बेटों के साथ बेटी को खोजते हुए कानपुर पहुंची।
जैसे-तैसे उसे अपनी बेटी का पता चला और उसने आरोपी के घर पहुंचकर से अपनी बेटी को छोड़ने की बात कही। लेकिन आरोपी जाकिर उर्फ राशिद इसके लिए तैयार नहीं हुआ और उसने अपनी सास और दोनों सालों को मौत के घाट उतार दिया है।
हालांकि उसने तीसरे साले को बच्चा समझकर छोड़ दिया था। हत्या के बाद राशिद उर्फ जाकिर अपनी पत्नी के साथ फरार हो गया। जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी राशिद और उसकी पत्नी को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।