लखनऊ । भाजपा मिशन 2019 के तहत पार्टी लगातार महागठबंधन की काट का हथियार खोजने में लगी है। सपा के वरिष्ठ नेता और अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव के रूप में भजापा को बड़ा हथियार मिल सकता है। प्रदेश की योगी सरकार ने हाल में ही उनके दामाद को उपकृत किया है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन की काट में भारतीय जनता पार्टी की निगाह अब शिवपाल सिंह यादव पर टिक गई है। समाजवादी पार्टी में हाशिये पर चल रहे शिवपाल ने शनिवार को विद्रोही तेवर दिखाकर यह संकेत दे दिए हैं कि वह भाजपा के लिए मददगार साबित हो सकते हैैं। भाजपा फिलहाल उन्हें पार्टी में तो शामिल करती नहीं दिख रही है लेकिन, शिवपाल के अलग दल बनाने के बयान में भाजपा को अपना फायदा जरूर नजर आ रहा है।
शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव की पार्टी से बगावत
दो साल की रस्साकशी के बाद चाचा शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव की पार्टी से बगावत कर दी है. उन्होंंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बना लिया है. लेकिन शिवपाल के करीबी सूत्रों की मानें तो अगले कुछ दिन में वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो ये सब एक महीने पहले तय हो चुका है. हालांकि शिवपाल यादव ने बुधवार को बीजेपी में शामिल होने की संभावना को खारिज किया है.
29 जुलाई को शिवपाल यादव यूपी में बीजेपी के एक बड़े नेता से मुलाकात कर चुके हैं. यह मुलाकात उस बड़े नेता के आवास पर हुई थी. इसी मुलाकात के दौरान बड़े नेता ने मोबाइल पर शिवपाल की बात दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेता से कराई थी. इसी के बाद अलग मोर्चे की स्क्रिप्ट लिखी गई थी. सूत्रों का तो ये भी कहना है कि स्क्रिप्ट की अगली कड़ी में शिवपाल यादव अपने मोर्चे का समर्थन बीजेपी को दे सकते हैं. इसकी भी तैयारी हो चुकी है
इस बारे में हमने यूपी बीजेपी के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डे, सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी और बीजेपी यूपी प्रभारी ओम माथुर से बात करने की कोशिश की लेकिन किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी. इसके बाद हमने बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि श्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि बीजेपी को किसी के साथ की जरूरत नहीं है. पार्टी अपने आप में सक्षम है. ये लोग परिवारवाद को बढ़ावा देने वाले लोग हैं.