लखनऊ : विधानसभा के सामने पति-पत्नी ने की आत्मदाह की कोशिश, अखिलेश के करीबी पर लगाया रेप का आरोप

पीड़िता के पति का कहना है कि 2015 में मेरी पत्नी के साथ रेप किया गया था।

लखनऊ में विधानसभा के सामने बुधवार दोपहर दंपती ने आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें किसी तरह काबू में किया। पति ने आरोप लगाया कि एक सपा कार्यकर्ता ने 2015 में उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया था। मामले की शिकायत की गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जानिए पूरा मामला 

दंपती ने आरोप लगाया कि आरोपी अब केस वापस लेने की धमकी दे रहा है। पीड़ित ने आरोपी कार्यकर्ता को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग उठाई।

क्या कहा पीड़िता ने ?

पीड़िता ने बताया कि 3 साल पहले आरोपी युवक ने चपरासी की नौकरी लगवाने के बहाने लखनऊ लेकर आया और मेरे साथ रेप किया। इसकी शिकायत कासगंज जिले के पटियाली थाने में दर्ज कराई लेकिन सपा नेता के रसूक के चलते पुलिस ने तीन सालों से कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता ने कहा कि उसने न्याय के लिए अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के समर्थकों से मुलाकात की लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला।
-वहीं, पीड़िता के पति ने बताया कि हम जिस जगह काम करते हैं हमें वहां सपा कार्यकर्ता के द्वारा बंधक बनाया गया। वहीं, केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

क्या लिखा है शिकायती पत्र में

उत्तर प्रदेश में ऐसा मामला पहली बार सामने नहीं आया

इससे पहले 8 अप्रैल को एक किशोरी ने विधायक पर दुष्कर्म और विधायक के दबाव में पुलिस की ओर से रिपोर्ट न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास पर परिवार सहित आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसके बाद सीबीआई जांच के आदेश दिए और विधायक पर पाक्सो ऐक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

इसके बाद विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया और पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया था। जेल में चार दिन बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए। पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी।

एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।
बाद में जाके बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस को जवाब तलब किया है।

 

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