अभी तक आपने जमीन के निचे ही आलू की खेती करते हुए देखी होगी. लेकिन अब ऐरोपोनिक विधि से आलू की फसल को हवा में उगाया जायेगा. हवा में उगाये जाने के कारण ही इस विधि को आलू की ऐरोपोनिक विधि भी कहते हैं.
एरोपॉनिक तकनीक से आलू की खेती के लिए न तो खेत और न तो मिट्टी और खाद की आवश्यकता पड़ती है. इस विधि से आलू के पौधों की जड़ें जमीन में नहीं बल्कि हवा में झूले की तरह लटकी रहती हैं. और इससे ही आलू के पौधों को बराबर मात्रा में पोषण मिलता है.
एरोपॉनिक तकनीक से आलू की खेती करने से जमीन में उगाई गई आलू की अपेच्छा मेहनत बहोत कम लगेगा और पैदावार अधिक होगी. इसमे मिट्टी को चढ़ाने के लिए लेबर की बचत होगी. और आमदनी अधिक होगा.
एरोपॉनिक विधि के लाभ
इस विधि से आलू की खेती करने पर खेत की जरुरत नहीं होती है. |
आलू की गुड़ाई करने के लिए लेबर ढूढने की समस्या होगी ख़त्म. |
आलू की खुदाई के लिए मशीनों और मजदूरों से छुटकारा. |
खेत में की गई खेती की अपेच्छा 6 से 7 गुना पैदावार बढेगा. |
अधिक कीटनाशकों के छिड़काव से छुटकारा. |
आलू के सड़ने की समस्या से मुक्ति. |
खुदाई करते समय आलू के कटने और फटने से छुट्टी. |
खैरा रोग की समस्या ख़त्म. |
इसमें जगह की जरूरत बहुत कम होती है. |
इसमें पानी की आवश्यकता बहोत कम होती है. |
एरोपॉनिक विधि से आलू की खेती की नई तकनीक
इस विधि से आलू की खेती करने के लिए प्लास्टिक के या थर्मोकोल के बोक्स की जरुरत पड़ती है. और इस बोक्स में उचित उरी पर छेद बनाकर उसमें आलू के पौधे की रोपाई की जाती है. यह बोक्स पूरी तरह से बंद होता है जिसमें अँधेरा रहता है.
आलू की जड़ें इस बोक्स में लटकती रहती हैं. और फिर इस बोक्स में आलू की जड़ों पर न्यूट्रिन अमीडिया का मशीनों द्वारा आटोमैटिक छिड़काव किया जाता है. जिससे जड़ों का विकास तेजी से होता है.
इनकी पत्तियां सूर्य के प्रकाश से अपना भोजन बनाने के काम करती हैं. इस विधि से आलू की खेती पाली हाउस में ही किया जाता है.
ऐरोपोनिक पद्धति(Aeroponics Farming System) की मदद आलू के एक पौधे से लगभग 60 से 70 आलू का उत्पादन होता है. इसमे खैरा रोग और झुलसा रोग की समस्या नहीं आती है.
एयरोपोनिक्स खेती से उत्पादन
जमीन में बोई जाने वाली आलू की खेती में प्रति पौधा 8 से 10 आलू बनते है. लेकिन एरोपोनिक्स विधि से खेती करने पर प्रति पौधा 60 से 70 आलू की पैदावार होगी. यानि लगभग 6 से 7 गुना तक अधिक पैदावार मिलेगी. जिससे आलू मंडी भाव महंगा होने से कमाई बहुत अधिक होगी.
एयरोपोनिक्स खेती से मिलेगी रोगमुक्त आलू
एयरोपोनिक्स सिस्टम खेती करने पर आलू की फसल में पत्तियों पर लगने वाले झुलसा रोग से छुटकारा मिलता है. साथ ही खैरा रोग भी नहीं लगता है. और इसमे आलू के जो दाने होते हैं वह लगभग एकसमान होते हैं. इस विधि में आलू में कीट तथा रोग बहुत कम लगते हैं. और यदि ला भी जाएँ तो उनसे आसानी से निपटा जा सकता है. भारत में हरियाणा के करनाल जिले में आलू प्रौद्योगिकी केंद्र में एरोपोनिक फार्मिंग पर काम किया गया है.
FAQ:
Q: एरोपोनिक्स विधि से आलू की खेती में कितनी ऊपज होती है.
ANS: जमीन में बोई गई आलू की खेती से 6 से 7 गुना अधिक ऊपज होती है.
Q: एरोपोनिक्स विधि से आलू के एक पौधे में कितनी आलू आते हैं.
ANS: प्रति पौधा 60 से 70 आलू.
Q: आलू की ऐरोपोनिक पद्धति क्या है.
ANS: इस विधि से आलू की खेती हवा में बिना मिटटी के किया जाता है.
Q: ऐरोपोनिक पद्धति में आलू के लिए कौन सी दवा प्रयोग होता है.
ANS: आलू की जड़ों पर न्यूट्रिन अमीडिया का छिड़काव होता है.