हिम्मत रखने वालों की कभी हार नहीं होती कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो बाधा मायने नहीं रखती यही संदेश दिया है उन तमाम बच्चों ने जिन्होने 3 दिसंबर को भारत शिल्प महोत्सव में विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने टेलैंट से लोगों का दिल जीत लिया। राजधानी लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन के सांस्कृतिक स्थल आशियाना में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और दिव्यांग बच्चों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सबका मन मोह लिया..
कार्यक्रम में राजधानी लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल, वाणी विकास केंद्र और स्पर्श राजकीय दृष्टि बाधित बालिका इंटर कॉलेज मोहान रोड के दिव्यांग बच्चों ने अपना सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनोरम प्रस्तुति दी।
इस कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक कार्यो के लिए पिछले 26 सालों से काम कर रहे NGO स्नेही शील उत्थान समिति की ओर से किया गया था और इस सोच के पीछे कार्यक्रम के संयोजक शाश्वत प्रवीण श्रीवास्तव और वाफ्ट स्टूडियोज़ की डायरेक्टर श्रद्धा श्रीवास्तव की बड़ी भूमिका रही।
शाश्वत खुद युवा होने के साथ ही सामाजिक और जन सरोकार के कार्यों को लेकर समर्पित रहते है आईआईटीएन होने के बाद भी कोई बड़ी नौकरी करने के बजाय उन्होने समाज सेवा की राह पकड़ी और अपने स्टार्ट अप और एनजीओ के साथ समाज में ऐसे तमाम कार्यों में खुद को लगाया जो आज लोगों के लिए प्रेरणा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संतकबीरनगर की धनघटा सीट के विधायक गणेश चौहान, स्कंद कुमार श्रीवास्तव पूर्व प्रदेश महामंत्री पंचायत प्रकोष्ठ भाजपा, दिनेश सहगल उप निदेशक, सूचना विभाग/फिल्म बंधु उत्तर प्रदेश, एन बी सिंह वाइस प्रेसिडेंट, प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट और विजयानंद गुरु रहे ।जिन्होने कार्यक्रम में आए बच्चों का अपनी मौजूदगी से हौसला आफजाई किया .. दिव्यांगो के लिए बोलने वाली मशीन बनाने वाली कंपनी sonant जिसका सम्मान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी किया था इस कार्यक्रम में उसका बहुत योगदान रहा।