‘जल ही जीवन है’, ये कहने की बात नहीं बल्कि जीवन के पाँच तत्वों में से एक जल पृथ्वी के सभी जीवों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। आज औद्योगीकरण, अति-उपयोग और सभी प्राकृतिक स्रोतों के दोहन के कारण पाँच तत्वों में से एक जल भी अब कम होता जा रहा है। इसलिए जल संरक्षण और उसके महत्व को ज-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल विश्व जल दिवस मनाया जाता है जिसके तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
कार्यक्रमों में लोग जल संरक्षण से जुड़ी पंक्तियाँ, कविताएं और तरह-तरह के पोस्टर के जरिए इसके महत्व को समझाते हैं। हर साल एक खास थीम पर जल दिवस मनाया जाता है। इस बार भी इसके लिए एक अलग थीम रखी गई है।
आज है विश्व जल दिवस 2022
इस वर्ष जल दिवस के लिए थीम है- ‘भू-जल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना (Groundwater: Making The Invisible Visible)’ जिसे इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंट ने दिया है। आज सेनेगल (Senegal) के डकार (Dakar) में 9वें विश्व जल मंच के उद्घाटन में इसे पेश किया गया।
आखिर 22 मार्च को क्यों मनाया जाता है जल दिवस
पूरी दुनिया को जल के महत्व से अवगत कराने के लिए सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1993 से इस दिन को मनाना शुरू किया था। तभी से इसे 22 मार्च को ही मनाते है।
भू-जल की क्यों आती है समस्या
भू-जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है और अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यह सिंचाई और खाद्य उद्योग के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। 64% भू-जल का उपयोग फसलों को उगाने के लिए सिंचाई के लिए किया जाता है। दुनिया भर में, 2.5 अरब लोग अपनी रोजाना की पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से भू-जल संसाधनों पर ही निर्भर हैं। इससे आप समझ सकते हैं भू-जल कितना महत्वपूर्ण है परंतु इसका स्तर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है।
Index के अनुसार, भारत में भू-जल 2002 और 2016 के बीच प्रति वर्ष 10-25 मिमी कम हुआ है। भारत के भू-जल के 54 प्रतिशत कुओं में पानी का स्तर कम हो रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है।
भू-जल के बारे में इन बातों से सीखे ये..
भू-जल निरन्तर क्रियाशील रहता है सतही जल की तुलना में यह बहुत धीरे-धीरे बहता है। ये समुद्र जल, सतही जल और वायुमंडलीय जल से भिन्न होता है।
भू-जल पृथ्वी के अंदर पाया जाता है और इसी कारण इसे आसानी से दूषित नहीं किया जा सकता है।
भूमिगत जल अधिकतर स्वच्छ होता है और इसका प्रयोग सीधे किया जा सकता है।
विश्व के कुल भू-जल का 24% हिस्सा भारत इस्तेमाल करता है।
विश्वयुद्ध हुआ तो पानी को लेकर लड़ा जाएगा
33 साल पहले जल की कमी से आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव बुतरस घाली ने कहा था कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो वो पानी को लेकर लड़ा जाएगा। इसके पीछे कारण भू-जल का कम होता स्तर है।