ग्राम समितियों के जरिए क्षेत्रीय विकास को गति देगा यमुना प्राधिकरण

“ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान,हारा हुआ प्रधान और सर्वाधिक जोत वाले किसानों की हो सकती है नई समिति”
संजय शर्मा
गौतमबुद्ध नगर। भूमि अधिग्रहण, दस प्रतिशत भूखंडों की मांग और लीज बैक जैसे मुद्दों पर किसानों के बीच आम राय बनाने और धरातलीय विकास को गति देने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब गांव गांव में ऐसी समितियों के गठन पर विचार कर रहा है जिनमें गांव के मोजिज और स्टेक होल्डर्स का तो प्रतिनिधित्व हो ही साथ ही गांव के सामाजिक वर्गों की भी इसमें झलक मिले। इससे एक तो सरकार को किसानों और ग्रामीणों की वास्तविक समस्याओं का आकलन करने में मदद मिलेगी साथ ही उनके निदान का बिना राजनीतिक चाशनी के प्रभावी निदान खोजने में आसानी होगी। सड़क कहां बननी, कैसी बननी है, लाइट कहां लगनी चाहिए और तालाबों का सौन्दर्यकरण , स्कूल एवं पुस्तकालय, डिस्पैंसरी इत्यादि जैसी बुनियादी चीजों पर व्यवहारिक राय बनाने में यह ग्राम समितियां बड़ी और अहम भूमिका निभा सकती हैं। प्राधिकरण मानता है कि किसान यूनियन, और दूसरे सामाजिक संगठन क्षेत्रिय किसानों की आवाज तो बने है लेकिन इन समितियों के अस्तित्व में आने के ये और अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। जिस कारण समस्या का समाधान निकालने में जो बाधा आती है उसका और व्यवहारिकता के साथ निराकरण किया जा सकेगा । गांव की हर समिति में पूरे गांव का सर्वांगीण प्रतिनिधित्व हो इसके लिए गांव के प्रधान, पूर्व प्रधान, प्रधानी के चुनाव में नवंबर दो पर आने वाला प्रत्यासी, गांव के तीन सर्वाधिक जोत वाले किसान एसी, और ओवीसी वर्ग के लोगों को स्थान दिया जा सकता है ताकि गांव के हर तबके की आवाज समिति में सुनाई दे ‌। भले ही ये सदस्य किसी भी राजनीतिक अथवा किसान मजदूर संगठनों से जुड़े हुए हों। इन लोगों द्वारा तय किया गया कोई भी मसौदा पूरे गांव को मान्य भी होगा। और प्राधिकरण भी इनसे बातचीत में अधिक सहज होगा। उल्लेखनीय है कि अकेले गौतमबुद्ध नगर में ही किसान यूनियनों के इतने धडे बन गए हैं कि किसी को समझ नहीं आ रहा है कि वास्तव में किसानों की असली आवाज कौन है। सबकी अपनी डफ़ली अपना राग है। यदि पंचायती राज पर आधारित इन ग्रामीण समितियों का यह नया फार्मूला आकार लेता है तो यह पूरे प्रदेश और देश के लिए एकदम नई चीज होगी और इसका अनुसरण आगे बढ़ सकता है। साथ सरकार और आम लोगों के बीच यह एक सेतु का काम भी कर सकेंगी।

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