गोपाल त्रिपाठी
– गोरखपुर महोत्सव का हुआ समापन
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महोत्सव पुरातन एवं नूतन का संगम होना चाहिए। इसमें अपनी विरासत के साथ साथ विकास का भी प्रदर्शन होना चाहिए। प्रसन्नता है कि गोरखपुर महोत्सव में इसका समावेश किया गया है। उन्होंने तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी। साथ ही दावा किया कि कुंभ के दिव्य-भव्य आयोजन के बाद देश में पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र उत्तर प्रदेश होगा।
मुख्यमंत्री ने लोगों को मकर संक्रान्ति की बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर में गोरखनाथ सिद्धपीठ का अध्यात्म के क्षेत्र में विशेष योगदान है।
वर्षों से प्रत्येक वर्ष मकर संक्रान्ति पर यहां एक माह का खिचडी मेला आयोजित होता है, जहां दूर दूर से लाखों लोग खिचडी चढाने आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महोत्सव में पूर्वान्चल की विरासत, यहां का गीत, संगीत, कला, संस्कृति, शिल्प का प्रदर्शन किया गया।
यहां सरकारी विभागों द्वारा अपनी उपलब्धियां प्रदर्शित की गयीं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि इस महोत्सव में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के महोत्सव प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित किया जायेगा और लोगों को जोडा जायेगा।
इस अवसर पर मंथन पत्रिका, अभ्युद्य स्मारिका का विमोचन एवं विकास से सम्बंधित वीडियो का लाचिंग किया तथा महोत्सव में विभिन्न विभागो द्वारा लगाये गये प्रदर्शनीध्स्टाल का विधिवत निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है और राष्ट्र एक जीता जागता स्वरूप होता है। विगत दो वर्षों से गोरखपुर महोत्सव के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि महोत्सव में हर स्तर के कलाकारो को मंच प्रदान किया जाये। उन्होंने कहा कि योग की परम्परा को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। कुल 172 देश योग के साथ जुुडकर गौरव महसूस करते है। योग की परम्परा भारत ने ही दुनिया को दी है। प्रतिवर्ष 21 जून को योग दिवस के रूप मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कुम्भ में सभी जनो को आमंत्रित किया तथा कहा कि कुम्भ में श्रद्धालुओ के लिए बेहतर व्यवस्था, सुरक्षा की समुचित व्यवस्था किया गया है ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत न होने पाये। यूनेस्को ने कुम्भ को सांस्कृतिक धरोहर के रूप माना है।
उन्होंने कहा कि कुम्भ का श्रेत्रफल 1700 हेक्टेयर से बढाकर 3200 हेक्टेयर किया गया है। कुम्भ में पूरे देश के कलाकारो को मंच प्रदान किया गया हैै और 45 दिनो तक 5 मंचो पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगे वहां स्वच्छता का विशेंष ध्यान रखा गया है और साफ-सफाई के साथ-साथ सुरक्षा की समुचित व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता लाने को कहा तथा कहा कि कूडा कचरा इधर उधर नालियो में न फेका जाये क्योकि गंदगी से अनेकानेक बीमारिया पनपती हैं। पर्यटन मंत्री डा रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि संस्कृति हमारी पहचान है और भारत की पहचान उसकी संस्कृति से ही है।
उन्होंने गोरखपुर महोत्सव के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में विकास हेतु यहां अशिम संभावनाएं है। पर्यटन केवल मनोरंजन ही नही बल्कि रोजगार को जोडने एवं संस्कृति को समझने का अवसर देता है। प्रदेश विकास के तरफ निरन्तर अग्रेसर है। अपर मुख्य सचिव पर्यटन, सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश दूसरे स्थान पर है। पर्यटन द्वारा कई योजनाएं चलायी गयी है।
गोरखपुर एवं आसपास के क्षेत्र मे पर्यटन की अपार संभावनाएं है। उन्होंने सुझाव दिया कि गोरखपुर में लिटरेचर फैक्टिवल तथा एडवेन्चर स्पोर्टस एवं वाटर स्पोर्टस कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही आगामी महोत्सव में स्थानीय कलाकारो को अधिकाधिक अवसर दिया जाये।
मण्डलायुक्त अमित गुप्ता ने मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी अतिथियो का स्वागत करते हुए बताया कि गोरखपुर महोत्सव में पुस्तक मेला का आयोजन किया गया और बुक रीडिंग फैक्टिवल आयोजित हुआ 70 से अधिक विद्यालयो में लाइब्रेरी प्रारम्भ होगी। उन्होने बताया कि महोत्सव में लगभग 50 हजार छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, विज्ञान प्रदर्शनी, नृत्य संगीत एंव टैलेन्ट जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया। उन्होंने कहा कि खेल कूद की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई।
जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पांडियन ने गोरखपुर महोत्सव के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सहित उपस्थित सभी अतिथियो को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विधायक फतेह बहादुर सिंह, संत प्रसाद, शीतल पाण्डेय, संगीता यादव, महापौर सीताराम जायसवाल, राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष अंजू चौधरी, कुलपति वीके सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।