योगी सरकार ने लाॅकडाउन में करीब 17 लाख श्रमिकों को दिया रोजगार

Uttar Pradesh, Apr 28 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath chairs a meeting with ‘COVID-19 management Team-11’ of the state over the Coronavirus Pandemic, in Lucknow on Tuesday. (ANI Photo)

-प्रदेश की कुल 58906 ग्राम पंचायतों में से 38908 में मिल रहा काम

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लाॅकडाउन में सूबे के 16.77 लाख मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करा रही है। यह रोजगार प्रदेश की कुल 58906 ग्राम पंचायतों में से 38908 में दिया जा रहा है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यहां बताया कि वर्तमान विषम परिस्थिति में मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दृष्टिगत मनरेगा योजना गांव में निवास कर रहे एवं बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपर्जन हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में जोखिम क्षेत्र (कंटेन्मेंट जोन) से बाहर 54 जनपदों के 44478 ग्राम पंचायतों में से 34771 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। जोखिम क्षेत्र से अच्छादित 21 जनपदों के 14428 ग्राम पंचायतों में हाट स्पाॅट से बाहर 4137 ग्राम पंचायतों मे भी कार्य संचालित किया जा रहा है। इस प्रकार प्रदेश की कुल 58906 ग्राम पंचायतों में से 38908 में 16.77 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1.69 लाख श्रमिक व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यो पर तथा 15.08 लाख श्रमिक सामुदायिक कार्यो पर कार्य कर रहे हैं। बुन्देलखण्ड के 05 जनपदों, हमीरपुर, चित्रकूट, ललितपुर, महोबा एवं बांदा के द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत अच्छी प्रगति की जा रही है। राज्य में इस समय कुल 103163 कार्य चल रहे हैं, जिसमें व्यक्तिगत लाभार्थीपरक 56174 कार्य तथा सामुदायिक कार्य 46989 चल रहे हैं। इनमें जल संरक्षण सें संबधित 8482 कार्य, परंपरागत जल निकायों एवं जीर्णोद्धार सें संबधित 1741 कार्य, बाढ नियंत्रण के 5173, भूमि समतलीकरण के 18017, सूक्ष्म सिचांई के 3502, सम्पर्क मार्ग-4327, वृक्षारोपण हेतु अग्रिम मृदा कार्य-1790 एवं ग्रामीण अवस्थापना के 819 कार्य शामिल हैं।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि बाहरी प्रदेशों एवं शहरों से वापस आये प्रवासी श्रमिकों के रोजगार की समस्या के दृष्टिगत अभियान चलाकर कुल 55346 श्रमिक परिवारों को नवीन जाॅबकार्ड उपलब्ध कराया गया है तथा 22922 परिवारों के जाॅबकार्ड का नवीनीकरण किया गया। इसी तरह 22331 श्रमिकों के नाम पूर्व में निर्गत जाॅब कार्ड से जोड़ा गया है। इसके साथ ही जिन परिवारों द्वारा जाबकार्ड की मांग की जा रही है, उन्हे जाबकार्ड उपलब्ध करानें की निरन्तर कार्यवाही की जा रही है।

राज्य स्तर से कार्यस्थल पर शारीरिक दूरी का प्रोटोकाल, हाथ धोने हेतु साबुन एवं पानी की व्यवस्था तथा होम मेड मास्क अथवा गमछा की व्यवस्था अनिवार्य किया गया है।

इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के 27 लाख श्रमिकों को वित्तीय वर्ष 2019-20 का बकाया मजदूरी भुगतान 611.00 करोड़ रुपये राज्य निधि से किया गया है। साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में 21 अप्रैल से कार्य प्रारम्भ करने के फलस्वरुप 48.94 करोड रुपये श्रमिकों के मजदूरी भुगतान हेतुु बैंकांे को प्रेषित करा दिए गए हैं। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2019-20 में सामग्री एवं कुशल व अर्द्धकुशल की देयता का 1067 करोड़ रुपये का भुगतान दिनांक 29 मार्च एवं एक मई को किया गया। इसी प्रकार तकनीकी सहायकों के आगामी माह के मानदेय भुगतान हेतु 10.56 करोड रुपये आरक्षित किया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यरत संविदा कार्मिकों के मानदेय भुगतान की समस्या के निराकरण हेतु राज्य स्तर पर पृथक प्रशासनिक निधि का खाता खोला गया है, जिससें विगत 03 वर्षों के बकाया मानदेय एवं वर्तमान माह के मानदेय के भुगतान हेतु 240 करोड रुपये की धनराशि आरक्षित की गयी है।

उन्होंने बताया कि मनरेगा श्रमिकों के रोजगार व जाॅबकार्ड एवं उनकी मांग के अनुसार कार्य उपलब्ध कराने तथा मनरेगा की अन्य समस्याओं के समाधान हेतु प्रत्येक जनपद में मनरेगा कन्ट्रोम रूम की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। 60 जनपदों में कंट्रोल रुम संचालित किए जा रहें हैं। मनरेगा मजदूरोें की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रदेश के मनरेगा प्रकोष्ठ, लखनऊ में भी टोल फ्री हेल्पलाइन नं0 18001805999 को संचालित किया जा रहा है। यह नंबर सप्ताह के 06 कार्य दिवसों (सोमवार से शनिवार) को सुबह 10ः00 बजे से सायं 6ः00 बजें तक संचालित रहता है।

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