आगामी लोक सभा चुनाव के पहले सियासी माहौल गरमा गया है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. हाल में ही सपा-बासप गठबंधन के बाद यूपी में भाजपा के लिए एक बड़ी परेशानियो का दौर शुरू हो गया है. इस बीच कांग्रेस ने भी तीन राज्यों में जीत के बाद अब यूपी में आगमी लोक सभा में जीत हासिल करने के लिए अपनी बहन प्रियंका पर दांव लगाया है. इस बीच एक बड़ी खबर ने सियासत को गरमा दिया है. बबते चले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति नई करवट लेने लगी है। पिछले कई दिनों से बीजेपी को लगातार अल्टिमेटम देने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखककर कहा कि वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का प्रभार छोड़ रहे हैं। उनके इस पत्र के बाद यह चर्चा होने लगी है कि जल्दी ही राजभर अपना कैबिनेट मंत्री का पद और बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उनके पास पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग था। गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की।
नाराजगी जाहिर करने के बाद उन्होंने पत्र में आगे लिखा, ‘आगे यह भी अवगत कराना है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की कमिटी में मेरे द्वारा सुझाए गए नामों में से एक भी नाम शामिल नहीं किया गया। मुझसे पिछडे वर्ग के लोगों को बहुत अपेक्षाएं हैं, लेकिन सरकार की पिछड़ा वर्ग के लोगों के हितों की लगातार अनदेखी के कारण मैं उन्हें उनका हक नहीं दिला पा रहा हूं। पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव और अनदेखी को लेकर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का प्रभार आपको सौंप रहा हूं।’