योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में डाला, शासनादेश जारी

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लखनऊ ।  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूबे की 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में डाल दिया है। इसके लिए बीते शुक्रवार को शासनादेश भी जारी कर दिया गया।

आज जारी शासनादेश के तहत अब प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल 17 जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र जारी हो सकेगा। इन 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, माझी और मछुआ शामिल हैं।

सपा शासन में भी इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, उस समय सरकार के निर्णय के खिलाफ एक संगठन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। हालांकि वह याचिका अभी भी विचाराधीन है। ऐसे में योगी सरकार का यह निर्णय हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होगा।

समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, मनोज कुमार सिंह की ओर से सूबे के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजे गये शासनादेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा 29 मार्च 2017 को पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, परीक्षण के उपरांत सुसंगत अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। शासनादेश की प्रति नियुक्ति व कार्मिक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव को भी भेजी गई है। इन अधिकारियों से भी हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने को कहा गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग लम्बे समय से हो रही है।

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