आगरा,। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब ताज की नगरी आगरा का नाम बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। आगरा का नाम बदलकर अग्रवन होने की संभवाना है। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार ने डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी को सौंपी है जो यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग से नामों से संबंधित अपना सुझाव भेजने के निर्देश दिये हैं। साथ ही विभाग से आगरा के नाम संबंधी साक्ष्य भी मांगे गए हैं।
इससे पहले सरकार ने कई जिलों व स्टेशन के नाम बदले थे। इसमें इलाहाबाद को प्रयागराज, फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। इनके अलावा मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपध्याय जंक्शन रखा गया था। इतना ही नहीं चंदौली जिले का नाम बदलने की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस पर शासन की ओर से कोई आदेश नहीं हुआ है। अब शासन ताज की नगरी से जाना जाने वाला आगरा का नाम बदलकर अग्रवन करने की कवायद में जुटी हुई है। अगर आगरा का नाम बदला तो इसको लेकर भी दूसरे राजनीतिक पार्टियां सरकार को घेरने का काम कर सकती हैं, जैसे पहले भी हो चुका है।
विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने दिया था प्रस्ताव
आगरा उत्तर विधान सभा क्षेत्र से विधायक रहे जगन प्रसाद गर्ग ने योगी सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा था. पिछले साल उनका निधन हो गया. अब योगी सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है. जगन प्रसाद गर्ग ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि आगरा में वैश्य समुदाय के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. अग्रवन की आगरा में पहचान रही है. इसीलिए आगरा का नाम अग्रवन किया जाना चाहिए.
इलाहाबाद और बनारस और फैजाबाद के बदल चुके हैं नाम
इससे पहले योगी सरकार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज, बनारस का वाराणसी और फैजाबाद का अयोध्या कर चुकी है. इसके अलावा मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपध्याय जंक्शन किया गया है. इतना ही नहीं चंदौली जिले का नाम बदलने की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है.