ये हैरान कर देने वाला मामला यूपी के गाजियाबाद से सामने आया है जहाँ जिला कोर्ट में शादी के बाद महिला उत्पीड़न का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक युवती ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि उसकी शादी धोखे से एक विदेशी मूल के भारतीय समलैंगिक युवक से कर दी गई। जब उसने इस पर आपत्ति जताई तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे प्रताड़ित किया।
युवती ने बताया कि उसने इसकी शिकायत जिले के पुलिस कप्तान से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए उसे मजबूरन कोर्ट का सहारा लेना पड़ा है। युवती ने कोर्ट में गुहार लगाते हुए भरण-पोषण और आरोपितों के खिलाफ करवाई की गुहार लगाई है। कोर्ट ने पीड़िता को सुनवाई के लिए 19 सितम्बर की तारीख दी है।
वसुंधरा इलाके की रहने वाली महिला का कहना है कि वह मार्च 2015 में उत्तराखंड घूमने के लिए गई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात वेस्टइंडीज में रहने वाली भारतीय मूल की महिला से हुई। महिला ने उससे कहा कि वह अपने बेटे की शादी भारतीय युवती से करना चाहती है। महिला ने उसे पसंद करते हुए उसकी शादी अपने बेटे से कराने की बात कही।
इसके बाद वह महिला उसके घर पहुंच गई और परिजनों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। दोनों परिवारों की सहमति से उसकी शादी तीन दिसम्बर 2015 हो गई। उन्होंने शादी को गाजियाबाद के रजिस्ट्रार ऑफिस में भी रजिस्टर्ड कराया। पीड़िता ने बताया कि वह शादी के बाद पति के साथ वेस्टइंडीज चली गई, लेकिन शादी के बाद भी उसे पति से दूर रखा गया। युवती ने बताया कि उसका पति कभी उसके पास आने से कतराता था।
इसी बीच एक दिन उसके फोन पर मैसेज आया कि आपका पति ‘गे’ (समलैंगिक) है। यह मैसेज देखते ही जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब इस संबंध में पीड़िता ने अपनी सास से बात की तो उन्होंने बिना कुछ कहे टाल दिया। इसके बाद पीड़िता ने सीधे पति से बात की। इस पर पति ने बताया कि वह गे है और वह शादी के लिए तैयार नहीं था। मां का दिल रखने के लिए ही उसने यह शादी की है। इसके बाद उसका ससुराल पक्ष के लोगों से झगड़ा भी होने लगा और वे लोग आए दिन उसके साथ मारपीट करने लगे।
युवती ने कोर्ट में अर्जी देते हुए कहा है कि उसने ससुराल पक्ष को वेस्टइंडीज में भी लीगल नोटिस दिया, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद थक-हारकर वह अपने परिजनों की मदद से भारत पहुंची है। यहां आने पर उसने एसएसपी से भी शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी कोई सुनवाई नहीं की है। इसलिए मजबूरन उसे अदालत का रुख करना पड़ा है।