दिल्ली। ‘कबड्डी, कबड्डी, कबड्डी’ का स्टेडियम में गूंजना, और सभी खेलप्रेमियों द्वारा प्लेयर्स की हौसला अफ़ज़ाई पूरे माहौल में जोश भर देता है। कुछ ऐसा ही नजारा होता है जब देशभर में युवा कबड्डी सीरीज (वायकेएस) आयोजित होता है। समय के साथ लगातार अपनी लोकप्रियता बढ़ाती ये सीरीज आज देश के कोने-कोने से नए युवाओं को कबड्डी खेल की ओर प्रोत्साहित कर रहा है। साथ ही एक ऐसा प्रभावशाली मंच प्रदान कर रहा है जिसके जरिए युवा कबड्डी खिलाड़ी अपनी आजीविका कमा रहे है।
12 महीने में 496 मैचेस खेले जाने वाला युवा कबड्डी सीरीज देश का दूसरा सबसे बड़ा स्पोर्ट्स टूर्नामेंट
भारत का पहला सालभर चलने वाले टूर्नामेंट के साथ ही युवा कबड्डी सीरीज देश का दूसरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट सीरीज बन चूका है। जिसको देखते हुए यह सीरीज अपने पांचवें संस्करण के साथ लौट आया है जिसके अंतर्गत 17 जून से 19 जुलाई तक मैसूर में मैचेज खेले जा रहे है। साथ ही इस साल आने वाले दो और एडिशन्स की भी योजना बनाई जा चुकी है। 2022 में शुरू की गई सीरीज ने 1051 युवा खिलाड़ी, 496 मैचेज, और 130 ऑफिशियल्स के साथ उच्चतम गुणवत्ता का निष्पक्ष खेल प्रदर्शित किया है। जहां युवा कबड्डी सीरीज के सीईओ विकास गौतम ने जाने-माने टीवी प्रेज़ेंटर, स्पोर्ट्स कमेंटेटर सुहैल चंढोक के सहयोग से सीरीज की नींव रखी।
17 जून से 19 जुलाई तक मैसूर में चल रहा है पांचवां संस्करण
इस सीरीज का मुख्य उद्देश्य गांवों, कस्बों, शहरों और राज्यों से कबड्डी में अपना भविष्य देखने वाले युवाओं को आगे लाना है। सीरीज में हो रहे सभी मैचों को और दिलचस्प व प्रबल बनाने के लिए युवा एथलीट्स को 47 प्रशिक्षित कोचेस के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। 16 राज्य के संघों के सहयोग से युवा कबड्डी सीरीज आज देश के कोने-कोने से युवा खिलाड़ी को जीविका की राह प्रदान कर रहा है। इसी के साथ ही 65.71 प्रतिशत टूर्नामेंट का कुल खर्च सीधे तौर पर कबड्डी खिलाड़ी, कोच, अधिकारी, राज्य संघ सहित समुदाय पर खर्च किया जा रहा है।