ज़ूपी लूडो 10 मिलियन उपयोगकर्ता एंड 1.2 बिलियन गेमप्ले के साथ राजस्थान में बना नंबर 1 स्किल गेमिंग प्लेटफार्म

  • राजस्थान में 1.2 बिलियन से ज़्यादा बार गेम खेले गए, जो यह दिखाता है कि संस्कृति से जुड़े और कौशल आधारित गेम्स तेजी से लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं।
  • ज़ूपी ने हाल ही में पूरे देश में 150 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर यूज़र और 12.5 बिलियन से ज़्यादा गेमप्ले का आंकड़ा पार किया है।

जयपुर. ज़ूपी, भारत का लीडिंग ऑनलाइन स्किल-बेस्ड प्लेटफ़ॉर्म ने आज राजस्थान में एक बड़ी उपलब्धि की घोषणा करी। जिसमें बताया कि लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) यूज़र्स इससे जुड़ चुके हैं और करीब 1.2 बिलियन (120 करोड़) से ज़्यादा बार इस पर गेम खेले गए है। सिर्फ जयपुर में ही करीब 1 बिलियन बार इस पर गेम खेले गए है, जिससे यह साबित होता है कि राज्य के लोग संस्कृति से जुड़े गेम्स, जिन्हें अब मोबाइल पर खेलने लायक बनाया गया है, उनमें बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं।

ज़ूपी ने भारत में स्किल-बेस्ड कैज़ुअल गेमिंग की शुरुआत की थी। अब राजस्थान इस क्षेत्र में आगे बढ़ता नज़र आ रहा है। जो यह साफ दिखाता है कि राजस्थान सिर्फ गेम खेलने वाला राज्य नहीं है, बल्कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग की दिशा तय करने वाला भी बन चुका है। पिछले एक साल में ज़ूपी प्लेटफॉर्म ने टियर 1, 2 और 3 शहरों में लगातार और प्राकृतिक रूप से बढ़त हासिल की है। इसकी वजह है कि यह संस्कृति से जुड़े गेम्स है, यह सुरक्षित है और इनका पारदर्शी यूज़र अनुभव है। साथ ही इसकी एक बड़ी वजह जिम्मेदारी से खेलने व कौशल-आधारित मनोरंजन को लेकर प्लेटफॉर्म की गहरी प्रतिबद्धता भी है। ज़ूपी के इस समावेशी तरीके ने न सिर्फ इसे सभी की पहुंच में बनाया है, बल्कि कौन लोग गेम खेलते हैं और कैसे खेलते हैं, इसका तरीका भी बदल दिया है। और इसी वजह से शायद वर्ष 2024 से अब तक यूज़र की संख्या में 15% से ज़्यादा बढ़ोतरी हुई है, जो दिखाती है कि लुडो जैसे सांस्कृतिक रूप से जुड़े गेम्स, जिन्हें अब स्किल-बेस्ड डिजिटल फॉर्मेट में बदला गया है, लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।

ज़ूपी लूडो की बढ़ती लोकप्रियता यह दिखाती है कि भारत में लोगों की मनोरंजन की पसंद अब बदल रही है। अब यूज़र ऐसे गेम्स की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं जो छोटे, तेज़ और स्किल-बेस्ड हों, और जिन्हें ईमानदारी व पारदर्शिता से खेला जाता हो। इस तेजी के साथ-साथ समावेशिता में भी बड़ा इज़ाफा देखा गया है। साथ ही इस राज्य में महिला यूज़र्स की संख्या में साल दर साल 60% की बढ़ोतरी हुई है। आज इस प्लेटफॉर्म पर जितने पुरुष खिलाड़ी है लगभग उतनी ही महिला खिलाड़ी भी है। यह साफ ज़ाहिर है कि डिजिटल को प्राथमिकता देने वाले लोग अब तेजी से गेमिंग से जुड़ रहे हैं।

इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए श्री गोविंद मित्तल, चीफ़ स्पोकपर्सन ने बताया कि- “राजस्थान में ज़ूपी लूडो को अपनाना इस बात का सबूत है कि हमने डिजिटल भारत में लोगों का भरोसा जीता है। ऐसे यूज़र्स जो मनोरंजन के साथ-साथ ईमानदारी और पारदर्शिता वाले गेम्स चाहते हैं, वे अब हमारे साथ जुड़ रहे हैं।

हम ज़ूपी में ऐसे गेम फॉर्मेट बनाने में लगातार निवेश कर रहे हैं जो आसान हों, जिन्हें लोग पहले से जानते हों और जो कौशल बढ़ाने के साथ – साथ ईमानदारी से खेल को बढ़ावा दें। हम स्किल-बेस्ड गेमिंग की दुनिया में आगे बढ़ते हुए अपना पूरा ध्यान लोगों को ऐसा मनोरंजन देंने में लगा रहे है, जो सार्थक हो, पारदर्शी हो, जिम्मेदारी से बनाया गया हो, और जो भारतीय संस्कृति से जुड़ा हो।”

भारत का खेल – अब डिजिटल भारत के लिए नए रूप में।

ज़ूपी लूडो ने भारत के सबसे पसंदीदा बोर्ड गेम्स में से एक को बदलकर एक मज़ेदार और स्किल-बेस्ड गेमिंग अनुभव बना दिया है। आज ज़ूपी के पास 150 मिलियन से ज़्यादा रजिस्टर्ड यूज़र्स और 12.5 बिलियन से ज़्यादा गेमप्ले हैं। ज़ूपी सिर्फ स्किल गेमिंग की दुनिया में शामिल नहीं हुआ, बल्कि इसने इसे बनाया, बढ़ाया और अब इसका लीडर बन गया है।

इस ब्रांड ने भारत में पहली बार स्किल-बेस्ड लुडो के नए फॉर्मेट्स पेश किए जैसे कि लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो और लूडो सुप्रीम लीग। इन फॉर्मेट्स ने गेम को अलग पहचान देकर काफ़ी लोकप्रिय बनाया। ये फॉर्मेट्स 10 मिनट से कम समय में खत्म हो जाने वाले तेज़ और आसान गेमप्ले देते हैं, जो मोबाइल पर खेलने वाले भारतीय यूज़र्स के लिए बिल्कुल सही हैं। ज़ूपी ने पारंपरिक लुडो में किस्मत पर निर्भरता को हटाकर, स्किल को बढ़ावा दिया, इसके लिए डाइस-लेस (बिना पासे) मोड और हर मूव पर स्कोरिंग जैसी सुविधाएं शुरू कीं।

असल भारत स्किल-बेस्ड गेमिंग में सबसे आगे।

राजस्थान में खासकर जयपुर जैसे शहरों में ज़ूपी लूडो की लगातार बढ़ती लोकप्रियता यह दिखाती है कि भारत के गेमिंग जगत में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब सफलता सिर्फ डाउनलोड की संख्या से नहीं आकी जाती, बल्कि यह देखा जाता है कि यूज़र कितनी बार गेम खेलते हैं और कितने समय तक इससे जुड़े रहते हैं।

जैसे-जैसे भारत डिजिटल हो रहा है, ज़ूपी ऐसे गेम बना रहा है जो आसान हों, हमारी संस्कृति से जुड़े हों और हर वर्ग के लोगों को पसंद हों। इससे भारत के गेमिंग क्षेत्र की असली ताकत सामने आ रही है। राजस्थान की भागीदारी यह साबित करती है कि ज़ूपी लूडो का फॉर्मेट जो ईमानदारी, स्किल-बेस्ड मुकाबले और यूज़र को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। लोगों को खूब पसंद आ रहा है।

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