नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस ( The Republic Day ) के दिन कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली ( Tractor Rally ) के दौरान राजधानी दिल्ली के लाल किले ( delhi Red Fort ) पर हुईं घटना के बाद से 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी किसान लापता हैं। इस दौरान दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) ने केवल 18 किसानों की गिरफ्तारी की ही पुष्टि की है, जबकि बाकियों का अभी कोई अता-पता नहीं चल पाया है। जिसकी वजह से उनके परिवार वाले गहरी चिंता में पड़ गए हैं। पुलिस ने जिन किसानों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, उनमें से सात बठिंडा के तलवंडी के रहने वाले हैं। परिजनों की मानें तो सभी लोग दिल्ली में होने वाली ट्रैक्टर रैली में भाग लेने के लिए 23 जनवरी को ट्रैक्टरों पर बैठकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।
कोई अता-पता नहीं चल पाया
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी देते हुए बताया कि मोगा निवासी 11 आंदोलनकारियों को नांगलोई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इनको तिहाड़ जेल भेज दिया गया। मनजिंदर सिंह ने बताया कि मोगा स्थित तातारी गांव के 12 लोग गणतंत्र दिवस वाले दिन की घटना से ही लापता हैं। इनके परिजनों ने उनको खोजने का भरसक प्रयास किया, लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं चल पाया है। वहीं, सूत्रों की मानें तो नरेला क्षेत्र के आसपास पुलिस ने बहुत सारी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है।
लोगों को निशुल्क कानूनी मदद देने का ऐलान
पंजाब मानव अधिकार संगठन नाम से एक सामाजिक संगठन की मानें तो दिल्ली में पंजाब से किसान ट्रैक्टर रैली में भाग लेने आए लगभग सौ किसान गायब हैं। इसके साथ ही खालरा मिशन, पंथी तालमेल संगठन और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली में 26 जनवरी को हिंसा के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को निशुल्क कानूनी मदद देने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि दिल्ली ट्रैक्टर परेड में शामिल होने आए अधिकांश लोगों को पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट, प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम तथा महामारी रोग अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए हैं। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के चीफ बलबीर सिंह ने लापता होने वाले लोगों की सूची के सत्यापन की बात कही है।