
शक्तिदीप पर हथौड़े की धमक से तिलिस्म चकनाचूर
– शक्तिदीप पैलेस के ओपन लॉन को केडीए ने ध्वस्त किया
– अगले सप्ताह कुछेक अन्य इमारतों का ध्वस्तीकरण संभव
कानपुर। देर आयद दुरुस्त आयद। आखिरकार साकेत दरबार के एक ठिकाने पर बुलडोजर की धमक महसूस हुई। शुक्रवार को केडीए ने अखिलेश दुबे के भाई के शक्तिदीप पैलेस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया। प्रवर्तन दस्ते ने रिहाइशी उपयोग की भूमि पर व्यवसायिक गतिविधियों के कारण शक्तिदीप गेस्ट हाउस के ओपन लॉन की बाउंड्री को ध्वस्त कर दिया। उम्मीद है कि, अगले सप्ताह किशोरी उपवन और आगमन गेस्टहाउस पर भी केडीए का हथौड़ा चलेगा।
साकेत दरबार से निकटता की बदनामी के बाद अखिलेश दुबे की कृपा से तानी गयी अवैध ईमारतो पर कानपुर विकास प्राधिकरण की ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हुई है। शक्तिदीप पैलेस को बुधवार को सील करने के बाद डब्ल्यू ब्लॉक जूही के भूखंड संख्या 573 पर अवैध रूप से बनाए गए शक्तिदीप पैलेस के ओपन लॉन को शुक्रवार की शाम बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। केडीए के मुताबिक, उक्त भूखंड के लगभग 500 वर्गमीटर एरिया में शक्तिदीप गेस्ट हाउस के ओपन लॉन के रूप में व्यवसायिक इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसे में नोटिस जारी होने केबाद संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि, गुरुवार को विकास प्राधिकरण की टीम ने निराला नगर में जूही कलां में किशोरी उपवन गेस्ट हाउस को सील कर दिया था। प्रभारी अतुल राय के मुताबिक, किशोरी उपवन का मानचित्र आवासीय स्वीकृत था, साथ ही मानचित्र से इतर निर्माण कराया गया था। नोटिस देने के बाद तय मियाद में जवाब नहीं मिलने के कारण केडीए ने गेस्ट हाउस को सील कर दिया है।
फर्जीवाड़े से हासिल किया गया था भूखंड
वर्ष 2010 से 2012 के बीच में शक्तिदीप पैलेस का निर्माण हुआ था। नक्शा आवासीय पास किया गया था लेकिन व्यावसायिक निर्माण कर दिया गया। यहां पर शक्तिदीप पैलेस बना दिया गया। शिकायत की गयी थी कि शाक्तिदीप पैलेस के आवासीय परिसर में अवैध रूप से व्यवसायिक गतिविधिया संचालित की जा रही है। बिना नक्शा स्वीकृत के अवैध गेस्ट हाउस का संचालन किया जा रहा है। इस मामले में एडीएम सिटी डा राजेश कुमार की अगुवाई में सचिव और एसीपी बाबूपुरवा ने जांच की तो पाया कि भूखंड की रजिस्ट्री कूटरचित अभिलेखों के आधार हुई थी। अनियमितता के संबंध में प्राधिकरण द्वारा थाना कोतवाली में धारा 420, 467, 468, 471 के तहत पूर्व में एफआइआर दर्ज करायी गयी थी, जो अदालत में विचाराधीन है। केडीए ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा 14 फरवरी 2025 को ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया था।
साकेत दरबार के करीबियों पर गिरेगी गाज
केडीए उपाध्यक्ष का दावा है कि, अखिलेश दुबे सिंडिकेट से जुड़े तमाम अन्य निर्माण की जांच जारी है, रिपोर्ट के आधार पर नक्शे के विपरीत बनाई गई इमारतों के साथ-साथ भू-उपयोग से इतर इस्तेमाल होने वाली बिल्डिंग पर कार्रवाई तय है। विकास प्राधिकरण के सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश दुबे और उसके सिंडिकेट व परिवार के लोगों के नाम पर कई गेस्ट हाउस और स्कूल हैं, तथा कई पार्कों पर कब्जा किया गया है। ऑपरेशन महाकाल में शनि की दृष्टि अखिलेश दुबे पर बिगड़ी तो अब परत दर परत अवैध तथा कब्जे वाले निर्माण चिन्हित किये जा रहे हैं। दावा है कि, नक्शे के विपरीत व्यावसायिक निर्माण होने पर कार्रवाई न करने वाले तैनात अवर अभियंताओं व सुपरवाइजरों पर भी कार्रवाई होगी। इसके लिए केडीए उपाध्यक्ष ने रिपोर्ट मांगी है।