काम की खबर : ऐप्स डाउनलोड करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, वरना…

एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के दुनियाभर में करोड़ों यूजर्स हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने के मकसद से मालवेयर फैलाने वालों की भी कमी नहीं है।यूजर्स को लगातार मालवेयर और स्मार्टफोन वायरस से जुड़ी चेतावनियां दी जाती हैं क्योंकि कई मालिशियस ऐप्स गूगल प्ले स्टोर तक पहुंच चुकी हैं।ऐसी ही कुछ ऐप्स की जानकारी कैस्परस्काई एनालिस्ट की ओर से दी गई है, जिनमें जोकर मालवेयर मौजूद है।इन ऐप्स को डिवाइस से फौरन डिलीट करने की सलाह दी गई है।

पहले भी सामने आ चुका है जोकर मालवेयर का नाम

कैस्परस्काई में एंड्रॉयड मालवेयर एनालिस्ट तत्याना शिश्कोवा ने अपने ट्विटर अकाउंट से मालिशियस ऐप्स की जानकारी दी है।यह पहली बार नहीं है, जब एंड्रॉयड ऐप्स में जोकर मालवेयर मिलने की बात सामने आई है।यह मालवेयर स्मार्टफोन यूजर्स का डाटा चोरी कर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।इसके अलावा जोकर की मदद से यूजर्स का बैंकिंग डाटा, जैसे- डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी चोरी की जा सकती है।

अपने फोन से फौरन डिलीट करें ये ऐप्स

एनालिस्ट ने जिन ऐप्स में जोकर मालवेयर मौजूद होने की बात कही है, उनमें नाउ QR कोड स्कैन, इमोजीवन कीबोर्ड, बैटरी चार्जिंग एनिमेशन बैटरी वॉलपेपर, डैजलिंग कीबोर्ड, वॉल्यूम बूस्टर लाउडर साउंड इक्वलाइजर, सुपरहीरो इफेक्ट्स और क्लासिक इमोजी कीबोर्ड जैसे नाम शामिल हैं।इन ऐप्स को 62,000 से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है।सबसे ज्यादा इमोजीवन कीबोर्ड और नाउ QR कोड स्कैन डाउनलोड हुई हैं, जिन्हें यूजर्स ने क्रम से 50,000 और 10,000 से ज्यादा बार इंस्टॉल किया है।

कई साल से ऐक्टिव है जोकर मालवेयर

ऐप्स में जोकर मालवेयर होने की बात बार-बार सामने आती रही है और यह लंबे वक्त से एंड्रॉयड डिवाइसेज को शिकार बना रहा है।जोकर मालवेयर सबसे पहले 2017 में सामने आया था और इस साल की शुरुआत में गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद 11 ऐप्स में इसकी मौजूदगी का पता चला था।क्विक हील रिसर्चर्स ने बताया था कि यह वायरस ट्रांसलेट फ्री, PDF कन्वर्टर स्कैनर, फ्री एफुलेंट मेसेज, डीलक्स कीबोर्ड जैसी ऐप्स के जरिए डाटा चुरा रही थीं।

अपने कोड बदलता रहता है जोकर

जोकर मालवेयर अपने कोड बदलता रहता है और पेलोड-रिट्राइविंग जैसे अलग-अलग तरीके अपनाता है।इस मालवेयर से जुड़ी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह लगातार बदल रहा है, इस तरह हर बार इसका पता लगा पाना पहले के मुकाबले मुश्किल हो जाता है।गूगल प्ले स्टोर पर लिस्ट की जाने वाली ऐप्स को कई सिक्योरिटी चेक्स से गुजरना पड़ता है लेकिन ऐसे तरीके आजमाकर जोकर मालवेयर इसके बावजूद प्ले स्टोर तक पहुंच जाता है।

फोन से यूजर्स को डिलीट करनी होंगी ऐप्स

मालवेयर वाली ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है लेकिन हजारों यूजर्स इन्हें पहले ही डाउनलोड कर चुके हैं।अगर आपके एंड्रॉयड डिवाइस में भी इनमें से कोई ऐप इंस्टॉल है, तो उसे फौरन डिलीट करना ही बेहतर होगा।दरअसल, गूगल केवल प्ले स्टोर लिस्टिंग से ऐप्स हटा सकती है लेकिन डिवाइसेज में इंस्टॉल ऐप्स केवल यूजर्स मैन्युअली अनइंस्टॉल कर सकते हैं।फोन में मौजूद ऐप्स यूजर की मर्जी के बिना डिलीट नहीं हो सकतीं।

ऐप्स डाउनलोड करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

अपने एंड्रॉयड डिवाइस को इस तरह के मालवेयर से बचाने के लिए जरूरी है कि आप प्ले स्टोर से ट्रस्टेड ऐप्स ही इंस्टॉल करें।किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यूज और रेटिंग्स देखी जा सकती हैं।उन ऐप्स पर भरोसा करें, जिन्हें लाखों बार डाउनलोड किया गया हो और पॉजिटिव रिव्यू मिले हों।इसके अलावा किसी ऐप के मालिशियस होने का शक होने पर आप उसे रिपोर्ट भी कर सकते हैं।

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