
देशभर में किडनी की समस्या से जूझने वाले मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन और बढती ही जा रही है और ऐसे में उन मरीजों का जिंदा रहने का केवल एक ही जरिया है और वो है डायलिसिस. एलोपैथी में किडनी की समस्या के उपचार के लिए सीमित विकल्प को देखते हुए पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सावधानी से भोजन करने और व्यायाम के साथ जड़ी-बूटी का सेवन बीमारी के बढ़ने की गति को धीमी कर सकती है और बीमारी के लक्षणों से निजात दिला सकती है.
दो हालिया वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि पुनर्नवा जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फार्मूलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है. ऐसा कई जांचों में देखा गया है कि पुनर्नवा का सिरप बनाकर पीने से किडनी से जुडी बीमारी ठीक हो सकती है.
एलौपैथी में किडनी की बीमारी के उपचार के लिए सीमित विकल्प होने के कारण आयुर्वेदिक औषधि पर जोर बढ़ रहा है. इसके अलावा कई वैज्ञानिकों का कहना है कि एलौपैथी में किडनी का इलाज बहुत महंगा होता है और कई बार असफल भी रहता है.
यही कारण है कि पुनर्नवा जैसी जड़ी बूटी पर आधारित नीरी केएफटी की तरह की किफायती आयुर्वेदिक दवा नियमित डायलिसिस करा रहे मरीजों के लिए मददगार हो सकती है.















