केंद्र अब बढ़ी हुई दरों पर खरीदेगी ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सिन’ की 66 करोड़ खुराकें

कोरोना वायरस महामारी के बीच देश को वैक्सीन की आपूर्ति करने वाली फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक की वैक्सीन की कीमतों को बढ़ाने की मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है।अब सरकार इस साल अगस्त और दिसंबर के बीच SII की कोविशील्ड की एक खुराक 205 रुपये और कोवैक्सिन की 215 रुपये में खरीदेगी।इतना ही सरकार ने दोनों कंपनियों को कुल 66 करोड़ से अधिक खुराकों का ऑर्डर भी दे दिया है।

सरकार खरीदेगी कोविशील्ड की 37.5 करोड़ खुराकें

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सरकार के सूत्रों ने बताया कि अगस्त और दिसंबर के बीच कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें क्रमश: 205 रुपये और 215 प्रति खुराक के हिसाब से खरीदी जाएगी। इस कीमत में कर शामिल नहीं होगा। सभी करों को मिलाकर कोविशील्ड की एक खुराक 215.25 रुपये और कोवैक्सीन की 225.75 रुपये की पड़ेगी।इस अवधि में कोविशील्ड की 37.5 करोड़ और कोवैक्सिन की 28.5 करोड़ खुराक खरीदी जाएगी।संकेत

केंद्र सरकार ने दिए थे 21 जून के बाद कीमतों में संशोधन के संकेत

केंद्र सरकार अब तक दोनों कंपनियों से 150 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से वैक्सीन खरीद रही थी। इससे फार्मा कंपनियों पर वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने में दबाव आ गया था। इसको लेकर कंपनियों ने वैक्सीन के दाम बढ़ाने की मांग की थी।इसके जवाब में सरकार ने कहा था कि 21 जून से वैक्सीनेशन की नई नीति लागू होने के बाद कीमतों में संशोधन किया जाएगा। इस नीति के तहत उत्पादन की 75 प्रतिशत वैक्सीन सरकार खरीद रही है।कोरोना वैक्सीन

राज्य सरकारों को महंगी मिल रही थी वैक्सीनें

नई वैक्सीन नीति के तहत कंपनियां 25 प्रतिशत खुराके निजी अस्पतालों को बेच सकती है। इसके लिए भी सरकार ने दाम तय किए हैं। 21 जून को नई वैक्सीन नीति लागू होने से पहले राज्य सरकारों को अपनी जरूरत की खुराकें खुद खरीदनी होती थी।राज्य सरकारों के लिए कंपनियों ने कोविशील्ड की कीमत 300 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सिन की कीमत 400 रुपये प्रति खुराक रखी थी। महंगी कीमत को लेकर राज्य सरकारों ने विरोध जताया था।वैक्सीनेशन अभियान

देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?

देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 39,96,95,879 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन मात्र 42,12,557 खुराकें लगाई गईं।सरकार ने जुलाई मध्य से रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य रखा था। देश के कई राज्यों में एक बार फिर वैक्सीन की कमी महसूस की जा रही है, जिसके चलते कई जगह वैक्सीनेशन अभियान रोकना पड़ा है और कई जगह इसकी रफ्तार प्रभावित हो रही है।

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