
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट के मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. छांगुर को सोमवार को कड़ी सुरक्षा में लखनऊ स्थित एनआईए के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने छांगुर की 7 दिन की जगह 5 दिन की कस्टडी परिवर्तन निदेशालय (ED) को दी है, जो कि 1 अगस्त तक रहेगी. ईडी छांगुर से हवाला, विदेशी फंडिंग और प्रॉपर्टी से जुड़े तमाम आर्थिक सूचनाओं पर पूछताछ करेगी.
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि एटीएस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि सिर्फ ऊपरी ही नहीं बल्कि फाइनेंशली इन्वेस्टिगेशन पर पूरा फोकस किया जा रहा है. धर्मान्तरण के इस रैकेट में जो भी अपराधी या अधिकारी लिप्त होंगे. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा प्रदेश की सीमाओं तक इस साजिश का असर हो सकता है, इसलिए सुरक्षा के हर मसले पर गंभीरता से काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस रैकेट से जुड़े 122 अवैध रूप से बने धार्मिक ढांचों पर बुलडोजर की कार्रवाई हो चुकी है.
छांगुर के धर्मांतरण और अवैध फंडिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय और एटीएस की संयुक्त जांच चल रही है. जमालुद्दीन का नेटवर्क भारत से लेकर सऊदी अरब और दुबई तक फैला हुआ है. अवैध धर्मांतरण के जरिए भारी मात्रा में मनी लॉन्ड्रिंग का खेल भी सामने आया है. अब कस्टडी में लेकर उसके तमाम विदेशी लिंक फंडिंग के स्रोत और नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी जो अब तक जांच एजेंसियों के रडार पर. इससे पहले छांगुर और उसकी गर्लफ्रेंड नसरीन को एटीएस ने 17 जुलाई से 7 दिन के रिमांड पर लिया था.
उल्लेखनीय है कि पिछले यूपी एटीएस की टीम ने छांगुर बाबा और उसके एक सहयोगी को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. बाबा पर 50 हजार का इनाम घोषित था. एटीएस इससे पूर्व उसके बेटे और नवीन रोहर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी. बाबा और उसके सहयोगियों पर 100 करोड़ के विदेशी फंडिग का भी आरोप है, जिसकी जांच ईडी कर रही है. बलरामपुर में छांगुर बाबा की कोठी करीब एक एकड़ में बनी हुई थी, जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी. इस पर अवैध निर्माण किया गया था.