गढ़वाली भाषा में हो रही रामलीला देखने उमड़ रहे लोग

स्थानीय कलाकारों को मिल रहा है किरदार निभाने का मौका

सोशल मीडिया के जरिए गढ़वाली रामलीला का कर रहे हैं प्रचार

उत्तरकाशी। जनपद में पहली बार गढ़वाली भाषा में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। गढ़वाली भाषा में हो रही रामलीला को देखने के लिए स्थानीय लोगों में भी विशेष उत्साह दिखाई दे रहा है।

रामलीला समिति में गढ़वाली भाषा के जन-जन तक पहुंचाने के लिए वह भगवान के दाम का आदर्शों को पहुंचाने के लिए गढ़वाली भाषा में रामलीला हो रही है। रामलीला समिति के मीडिया समन्वयक अजय प्रकाश बड़ोला ने बताया कि रामलीला का उद्देश्य भगवान राम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

गढ़वाली भाषा में हो रही रामलीला में भगवान राम का किरदार जयेंद्र पंवार निभा रहे हैं। लक्ष्मण के किरदार में कैलाश सेमवाल, सीता के किरदार में गंगा डोगरा हैं। रामलीला समिति के मंच उद्घोषक जयेंद्र पवार ने बताया कि गढ़वाली रामलीला में सभी महिलाओं पात्रों को महिलाओं के द्वारा अभिनय कराया जा रहा है। रामलीला में युवा पीढ़ी को विशेष आमंत्रित किया गया है। गढ़वाली भाषाओं को युवाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके लिए रामलीला समिति गढ़वाली रामलीला के माध्यम से अपनी स्थानीय भाषा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।

 उत्तरकाशी जनपद में इस रामलीला को फेसबुक-यूट्यूब अन्य चैनलों पर प्रसारण किया जा रहा है। रामलीला समिति रामलीला के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करने के वालों को भी सम्मान करती है। गढ़ गौरव सम्मान दिया जाता है।  रामलीला में जुड़े पुराने पात्रों का भी सम्मान किया जाता है। रामलीला समिति के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मटूडा ने बताया कि समिति युवा पीढ़ी को मंच उपलब्ध कर रही है। बताया कि नवरात्र में विश्व शांति के लिए हवन किया जाएगा।

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