
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले से दो चचेरी बहनें अचानक अपने-अपने घरों से गायब हो गई थीं. परिवार वाले परेशान थे, पुलिस शिकायतें दर्ज की जा चुकी थीं. लेकिन फिर सबको हैरान कर देने वाली एक खबर आई. दोनों लड़कियां खुद पुलिस स्टेशन पहुंचीं.
लेकिन वो सिर्फ लौट कर नहीं आईं, बल्कि दोनों अपनी जिंदगी का फैसला कर चुकी थीं. उन्होंने बताया कि अब वे एक-दूसरे से शादी कर चुकी हैं और जीवन भर साथ रहना चाहती हैं. एक लड़की की मांग भरी हुई थी. वहीं, दूसरी ने दूल्हे के कपड़े पहने हुए थे.
चचेरे भाई पर था शक
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब एक लड़की के पिता ने अपनी बेटी के गायब होने की शिकायत IGRS पोर्टल पर की. उन्हें शक था कि उनकी बेटी को उसका चचेरा भाई बहला-फुसलाकर ले गया है. उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि शायद बेटी को कहीं बेच दिया गया हो. यह शिकायत लखनऊ तक पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. काफी कोशिशों के बाद पुलिस को एक लड़की से संपर्क करने में कामयाबी मिली. पुलिस ने उसे भरोसा दिलाया कि अगर वह सामने आती है तो उसे पूरी सुरक्षा दी जाएगी.
थाने पहुंचे ‘दुल्हन और दूल्हा’
7 अगस्त को जब दोनों लड़कियां थाने पहुंचीं, तो वहां का नज़ारा कुछ अलग ही था. एक लड़की ने दूल्हे जैसे कपड़े पहन रखे थे, जबकि दूसरी की मांग में सिंदूर भरा हुआ था. माहौल गरमाया था, लेकिन लड़कियां अपने फैसले को लेकर बिल्कुल साफ़ थीं.
‘हम बहनें नहीं, अब जीवन साथी हैं’
लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वे करीब डेढ़ साल से एक-दूसरे से प्यार करती थीं. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने खुलकर बातें कीं, अपने रिश्ते को समझा और फिर एक मंदिर में शादी कर ली. उन्होंने कहा कि ‘हम पहले बहनें थीं, लेकिन अब हम साथी हैं. हमने तय किया है कि हम ज़िंदगी भर एक-दूसरे के साथ रहेंगे.’ जब थाने में रिश्तेदारों को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने दोनों को घर लौटने के लिए मनाने की बहुत कोशिश की. इमोशनस बातें की गईं, समझाया गया कि समाज क्या कहेगा, परिवार टूट जाएगा. लेकिन लड़कियां टस से मस नहीं हुईं.
एक ने 12वीं पास की, दूसरी 10वीं तक पढ़ी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, “दूल्हे” की भूमिका निभा रही लड़की ने 12वीं तक पढ़ाई की है. दूसरी लड़की ने 10वीं कक्षा तक शिक्षा ली है. दोनों ने मिलकर अपने रिश्ते को समझा और बिना किसी डर के आगे बढ़ीं.
भारत में क्या कहता है कानून?
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में धारा 377 को हटाकर समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया, लेकिन अभी भी भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है. मतलब यह कि ऐसे जोड़े साथ रह सकते हैं, लेकिन कानूनन पति-पत्नी नहीं माने जाते.