गोपाल खेमका हत्याकांड : हत्या की साजिश में कारोबारी की संलिप्तता की जांच…शूटर उमेश यादव ने किया बड़ा खुलासा

बिहार के हाई-प्रोफाइल कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पटना पुलिस को मंगलवार को एक बड़ी सफलता मिली. इस मामले से जुड़े अवैध हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा को एनकाउंटर में मार गिराया गया. एसटीएफ की टीम उसे हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार की बरामदगी के लिए ले जा रही थी, तभी राजा ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वो मौके पर ही मारा गया. जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने राजा को सोमवार को ही मुख्य शूटर उमेश यादव के साथ गिरफ्तार किया था. दोनों को पकड़ने के बाद पुलिस हथियार बरामद करने निकली थी. लेकिन पटना घाट इलाके में राजा ने अचानक एसटीएफ की टीम पर गोलियां चला दीं. इसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग में उसे ढेर कर दिया। यह घटना पटना के मालसलामी थाना क्षेत्र में हुई.

एनकाउंटर से पहले SIT ने बनाई थी दबिश की रणनीति

एसआईटी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. राजा की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि उसने ही मर्डर में इस्तेमाल हुआ हथियार सप्लाई किया था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजा पिछले कई महीनों से पटना और आसपास के इलाकों में अवैध हथियारों का कारोबार कर रहा था और इसी नेटवर्क के जरिए खेमका की हत्या के लिए हथियार भी पहुंचाया गया.

उमेश यादव से जुड़ती गई कड़ियां

इस मामले में गिरफ्तार किए गए शूटर उमेश यादव ने कबूल किया कि उसे गोपाल खेमका की हत्या के लिए साढ़े तीन लाख रुपये की सुपारी मिली थी. उसने बताया कि वारदात से पहले वो कई दिनों तक खेमका की रेकी करता रहा. उसकी निशानदेही पर ही पुलिस राजा तक पहुंच सकी थी. उमेश की गिरफ्तारी के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक साक्ष्य से उसकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है.

हत्या की साजिश में कारोबारी की संलिप्तता की जांच

सूत्रों की मानें तो इस हत्या की साजिश के पीछे एक कारोबारी और खेमका के पुराने जानने वाले का हाथ हो सकता है. पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि क्या निजी दुश्मनी या जमीन विवाद इस हत्या का कारण बना. पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड अशोक शाह की गिरफ्तारी के बाद उससे भी इस कड़ी में पूछताछ की जा रही है.

खेमका की हत्या से पुलिस पर भी दबाव

4 जुलाई की रात पटना के गांधी मैदान इलाके में जब गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या हुई, तब यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया था. घटना के बाद पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए थे. अब जब इस केस में पहला एनकाउंटर हुआ है, तो पुलिस इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान रही है. मंगलवार को आईजी जितेंद्र राणा और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम पर खुलासा कर सकते हैं.

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