डेल्टा प्लस वैरिएंट से ही आएगी कोरोना की तीसरी लहर? तेजी से बढ़ रहा खतरा, ये रही पूरी जानकारी

 कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर से अब भारत काफी हद तक संभलने लगा है, बीते कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों की संख्या घटी है । देश में  वैक्सिनेशन की रफ्तार भी तेज़ हुई है । लेकिन इस सबके बीच एक और नई मुसीबत मुंह बाए खड़ी हो गई है, और वो है देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते मामले, अभी तक 4 राज्‍यों से करीब 40 नए मामले सामने आ चुके हैं। भारत सरकार की ओर से भी कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कन्सर्न बताया गया है, यानी ये वायरस चिंता बढ़ाने वाला है ।

इन राज्‍यों में मिले केस
जिन चार राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस मिले हैं, उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं । यहां बाकी मरीजों पर भी नजर रखी जा रहा है ।


क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?
दरअसल, बीते साल से अब तक कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में म्यूटेट होना कहा जा रहा है । कोरोना का भारत में जो डेल्टा वैरिएंट मिला था, ये डेल्टा प्लस उसी वैरिएंट से म्यूटेट होकर निकला है । रिसर्चर्स ने इसे B.1.617.2.1 या AY.1 नाम दिया गया है । भारत में कोरोना की दूसरी लहर की वजह भी यही डेल्टा वेरियेंट ही था। डेल्टा वैरिएंट पहले भारत में मिला, जिसके बाद इसने यूरोप के कई देशों में तबाही मचाई । लेकिन डेल्टा प्लस वैरिएंट इसी साल मार्च में यूरोप में पाया गया, जिसके बाद ये दूसरे देशों में फैल गया ।


वैक्सीन कितनी कारगर?
अब कोरोना के इस नए रूप को लेकर ये भी सवाल है कि क्या इसपर वैक्सीन काम कर पाएगी । बहरहाल इस मामले में अभी ICMR ये पता लगाने की कोशिश कर रही है, डेल्टा प्लस वैरिएंट के सैम्पल लिए जा चुके हैं और टेस्टिंग चल रही है । हालांकि, सरकार ये पहले ही स्‍पष्‍ट कर चुकी है कि भारत में बन रही कोरोना की वैक्सीन हर वैरिएंट पर काम कर रही है, कोविशील्ड-कोवैक्सीन दोनों ही असरदार हैं । शोधकर्ताओं के मुताबिक अभी तक जितने भी वेरिएंट आए हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है। अल्फा वेरिएंट भी काफी संक्रामक है, लेकिन डेल्टा इससे 60 पर्सेंट अधिक संक्रामक है। कुछ एक्सपर्ट्स को आशंका है कि कहीं यह कोविड-19 महामारी की तीसरी वजह न बन जाए।

डेल्टा प्लस वैरिएंट से कितना खतरा
इस वैरियंट से बच्‍चें को खतरा ज्‍यादा बताया जा रहा है, केरल में इस वैरिएंट से चार साल का बच्चा संक्रमित हुआ है। परेशानी ये भी है कि देश में बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है । इसी वजह से बच्चे अभी भी वायरस के हर वेरिएंट के प्रति ज्यादा संवेदनशील बने हुए हैं । ये भी कहा जा रहा है कि अगर भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर आएगी तो बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। बहरहाल, इस वायरस से बचाव में कोई लापरवाही ना करें । कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो उससे फैलने से रोकने और बचाव का तरीका एक ही है, मास्क पहनना, ठीक से पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना ।

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