नवजोत सिंह सिद्धू बने पंजाब कांग्रेस के नए ‘कैप्टन’, 4 कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति

कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की पंजाब यूनिट का अध्यक्ष बना दिया है। उनकी नियुक्ति राज्य में महीनों तक चली खींचतान के बाद की गई है। पूर्व क्रिकेटर ने कई मुद्दों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के खिलाफ खुलेआम बगावत कर दी थी। इस विवाद के बीच हाईकमान ने सुलह का चार सूत्रीय फॉर्मूला तैयार किया था। इसी के तहत पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनकी नियुक्तियां की है।

सिद्धू के साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं। कुलजीत नागरा, पवन गोयल, सुखविंदर सिंह डैनी और संगत सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई है। यह पहले से तय था कि कार्यकारी अध्यक्षों के नाम मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह तय करेंगे। अब सिद्धू को इन चारों से तालमेल बिठाना होगा।

कैप्टन ने रखी है माफी मांगने की शर्त
इस मामले में सबसे बड़ा पेंच कैप्टन अमरिंदर सिंह की एक शर्त है। ये शर्त उन्होंने कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश रावत के सामने रखी थी। उनका कहना था कि वे सिद्धू से तभी मिलेंगे, जब वे अपने पहले दिए गए बयानों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेंगे। सिद्धू ने कैप्टन सरकार पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से लेकर रेत माफिया और बिजली संकट से जुड़े कई गंभीर आरोप लगाए थे।

इन आरोपों के बाद से कैप्टन बहुत नाराज हैं। कैप्टन ने आलाकमान के प्रतिनिधि बनकर पहुंचे रावत से साफ कह दिया है कि सिद्धू ने जिस तरह सार्वजनिक आरोप लगाए, उसी तरह उन्हें खुलेआम माफी भी मांगनी होगी। उसके बाद ही वे सिद्धू से मिलेंगे।

हाईकमान से भी नाराज कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी हाईकमान से भी नाराज चल रहे हैं। उनका मानना है कि पंजाब कांग्रेस में हुई कलह को हाईकमान ने सही ढंग से हैंडल नहीं किया। इस वजह से पार्टी के साथ उनकी छवि को भी नुकसान पहुंचा है। इसलिए अब कैप्टन सिद्धू की माफी की शर्त पर अड़ गए हैं।

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