
मुंबई (ईएमएस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से नाराज है, क्योंकि शरद पवार ने कांग्रेस से गठबंधन कर लिया है। बता दें कि उन्होंने सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने के कुछ ही महीनों के भीतर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के अपने चाचा शरद पवार के फैसले पर बृहस्पतिवार को सवाल उठाया। पिछले वर्ष शरद पवार के खिलाफ बगावत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को विभाजित करने वाले अजित पवार ने यह भी सवाल उठाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ आने से उनकी आलोचना क्यों की जा रही है जबकि उनके चाचा ने दो साल पहले ही शिवसेना के साथ गठबंधन किया था।
अजित पवार ने कहा कि वर्ष 1999 में कांग्रेस के भीतर एक विचारधारा उभरी कि एक विदेशी मूल के व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री नहीं होना चाहिए। पवार साहब (शरद पवार), पी ए संगमा और तारिक अनवर ने यह रुख अपनाया था। हम युवा थे और हमने भी इसका समर्थन किया था। वहीं वर्ष 1999 के जून में राकांपा का गठन हुआ तक शरद पवार को कांग्रेस से निकाला था, और 1999 के अक्टूबर में हम राज्य में विलासराव देशमुख की सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने सवाल उठाया कि छह महीने भी नहीं बीते थे। विदेशी मूल के मुद्दे का क्या हुआ? जब विदेशी मूल की सोनिया गांधी अगर कांग्रेस की अध्यक्ष थीं तो कांग्रेस के साथ जाने का फैसला क्यों लिया गया।