बरेली : राखी के धागे से टूटा अपराध का रास्ता, कैदी भाइयों ने अपराध छोड़ने की खाई कसम


                                                
सेंटर जेल-2 में  बहनों ने भाईयों को बांधी राखी        
              
दुल्हन की तरह सजी जेल                

बरेली। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर बरेली के सेंटर जेल-2 में भावनात्मक माहौल देखने को मिला, जब बहनें अपने भाइयों से मिलने जेल परिसर पहुँचीं। रंग-बिरंगे राखियों और मिठाइयों से सजे थाल लेकर आई बहनों ने परंपरागत रीति-रिवाज के अनुसार भाईयों की कलाई पर राखी बांधी, तिलक किया और उनकी लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना की।साथ ही    बहनों ने भाइयों  को शपथ दिलाई कि  अपराध की दुनिया का त्याग कर समाज में प्रतिष्ठित स्थान बनाएंगे।  कुछ  बहनें ऐसी भी थीं जिनके भाई जेल में राखी बंधवाने घर से आए थे।   जेल परिसर के बाहर ख़ुशनुमा माहौल था।  दुल्हन की तरह सजे परिसर  में  कई  भाई  कैदी अपनी बहनों को देख कर भावुक हो उठे और अपनी बहनों से गले मिलते हुए जीवन में सुधार का संकल्प लिया। बहनों ने कहा कि भले ही भाई जेल की चारदीवारी के अंदर हैं, लेकिन उनके प्रति प्रेम और आशीर्वाद कभी कम नहीं हो सकता।बरेली के सेंटर जेल-  2 के वरिष्ठ अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि  जेल प्रशासन ने बहनों और भाईयों के मिलने के लिए विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें सुरक्षा के साथ-साथ मिठाइयों और पानी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। जेल अधीक्षक ने बताया कि ऐसे आयोजन कैदियों को भावनात्मक रूप से अपने परिवार से जोड़ते हैं और उन्हें समाज में पुनः स्थापित होने की प्रेरणा देते हैं।

इस अवसर पर पूरा माहौल भाई-बहन के स्नेह, ममता और अपनत्व की भावना से सराबोर रहा।जेल में थाना भमोरा क्षेत्र से राखी बंधवाने आये भूपेंद्र चौधरी ( काल्पनिक नाम ) ने बताया कि वह अपनी तहेरी बहन  ममता  ( काल्पनिक नाम ) से राखी  बंधवाने  आया था।  हम चार भाइयों में अकेली बहन थी , गलत सोहबत में पड़ कर अफीम की तश्करी करने लगी।  अब कहती है अफीम की तश्करी क्या वह हर अपराध से दूर रहेगी।  पांच बहिनों में अकेला भाई प्रदीप नामदेव  ( काल्पनिक नाम ) . सभी बहनें भाई को राखी बांधने आई थी।  बहनों का कहना था एक बाजारू औरत ने 24 वर्षीय भाई को झूठा फंसाया है।  उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य पुष्पा  पांडेय  सेंटर जेल-2 में पहुंचीं उन्होंने बंदी महिलाओं से भेंट की , वहां उन्होंने सद्दमार्ग पर चलने की शपथ दिलाई।  जिन महिलाओं के भाई राखी बंधवाने नहीं आये , उनको श्रीमती  पांडेय ने राखी बांधी।  इस अवसर को प्रेरणादायक बनाने और दुल्हन की तरह  परिसर सजाने और जेल की चाक  चौबंद व्यवस्था  लिए  जेलर शैलेश कुमार सिंह , उप जेलर चैतन्य कुमार सिंह ,  उप जेलर पियूष पांडेय , श्रीमती किरण कुमारी , रीता सागर और जेलर आनंद सिंह  और जेल स्टाफ की श्रीमती  पांडेय ने  सराहना की।

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