बिहार के 27 जिलों में पेट्रोल 100 के पार, लालू यादव ने तंज कसते हुए कहा-डबल इंजन की सरकार ने यही..

इन दिनों पूरे देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है। बिहार के भी 27 जिलों में पेट्रोल की कीमतों ने शतक लगा दिया है। इन जिलों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के पार जा चुकी है।

इस पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्वीटर के जरिए तंज कसते हुए कहा है कि “डबल इंजन की सरकार द्वारा बिहार को दिया गया विशेष पैकेज !

मालूम हो कि बिहार विधानसभा 2015 के चुनाव में पीएम मोदी ने डबल इंजन की सरकार का जुमला दिया था अर्थात केंद्र और राज्य में अगर एक ही गठबंधन की सरकार रहेगी तो डबल इंजन की शक्ति से विकास होगा।

हालांकि उस चुनाव में नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन का हिस्सा थे। उस वक्त तो नीतीश ने डबल इंजन शब्द का मजाक उड़ाया लेकिन बाद के दिनों में वो खुद ही डबल इंजन की सरकार के नाम पर वोट मांगने लगे।

बिहार में लंबे समय से भाजपा, जदयू की डबल इंजन की सरकार है, बावजूद शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में बिहार की दुर्दशा और कुव्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। इस वजह से डबल इंजन सरकार बिहार में व्यंग्य का पात्र बन चुका है।

बिहार जैसे बेहद पिछड़े और गरीब राज्य में पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें सीधे आम लोगों को प्रभावित करती हैं।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित होने के बाद बिहार जैसे तैसे खड़ा होने की कोशिश ही कर रहा था कि पेट्रोलियम पदार्थों की बेतहाशा बढ़ती कीमतों ने संभावनाओं पर पलीता लगा दिया है।

सीतामढ़ी बिहार का एक बेहद पिछड़ा जिला है, यहां भी पेट्रोल की कीमत 101.93 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है।

राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो देश के कई इलाकों में पेट्रोल 110 रुपये प्रति लीटर के रिकाॅर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

रीवा, श्रीगंगानगर, अनूपपुर जैसे कई शहरो में पेट्रोल की कीमतें फिलहाल 110 रुपये प्रति लीटर या आसपास हो चुकी हैं. पिछले 04 मई से लेकर अब तक तेल की कीमतों में 29 बार वृद्धि हो चुकी है।

पेट्रोल डीजल की कीमतें कम होने या स्थिर होने के कोई आसार फिलहाल दिखाई नहीं दे रहे हैं क्योंकि सरकार ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं क्योंकि सरकार का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें हमारे नियंत्रण के बाहर है।

ये अलग बात है कि जैसे ही पश्चिम बंगाल में चुनाव का ऐलान हुआ, अचानक से पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़नी बंद हो गईं और मूल्य स्थिर हो गया।

इसके बाद जैसे ही 02 मई को चुनावी नतीजे आए, 04 मई से कीमतें पुनः बढ़नी शुरु हो गई।

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