पूरे देश की नज़र बिहार चुनाव पर बानी हुई है. तो वहीं चुनाव से ठीक एक दिन पहले एक बड़े वारदात में प्लूरल्स पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री पद के दावेदार पुष्पम प्रिया को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बता दें कि पुष्पम प्रिया बिहार में निष्पक्ष चुनाव के लिए राज्यपाल फागू चौहान को ज्ञापन देने राजभवन तक जा रही थीं. इसी दौरान उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
दरअसल, इससे पहले पटना के डाकबंग्ला चौराहा पर मीडिया से बातचीत करते हुए पुष्पम ने आरोप लगाया था कि चुनाव में उनके प्रत्याशियों का चुनाव रद्द किया जा रहा है. उनके प्रत्याशियों को धमकाया जा रहा है. यहां संविधान की धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं. कभी किसी बड़ी पार्टी का नामांकन आज तक खारिज नहीं हुआ है.
पुष्पम ने कहा कि उन्हें राज्यपाल से केवल ये कहना है कि राष्ट्रपति शासन लगाने में क्या दिक्कत है. दूसरी पार्टियों पर आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि अन्य सभी पार्टियां मिल कर उनकी पार्टी के खिलाफ काम कर रही है. अधिकारियों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. सभी पार्टियां जानती हैं कि एक पढ़ी लिखी पार्टी अगर आ गई तो इन लोगों का करियर खत्म हो जाएगा. उन्होंने दावा किया कि जब तक राज्यपाल से मिलने नहीं दिया जाएगा तब तक वे वहां से नहीं जाएंगी.
For the last 5 hours you harassed me through your police and administration. Remember this day @NitishKumar. I am coming for you. God bless you!
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) October 27, 2020
देर रात तक पुष्पम प्रिया को राज्यपाल से मिलने की इजाजत नहीं मिल सकी थी. जिसके बाद खुद को रोके जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, कि आपने पांच घंटे तक अपनी पुलिस और अधिकारियों के जरिये मुझे परेशान किया है. इस दिन को याद रखना. मैं आपके लिए ही आ रही हूं. भगवान आपका भला करें.
इससे पहले दिन में पुष्पम प्रिया ने वैशाली से पाटलीपुत्र गंगा नदी को पैदल ही पार करते हुए कहा, कि भगवान बुद्ध ने पाटलिपुत्र से वैशाली, नाव में गंगा पार की थी. तो पूरी मानवता को न्याय मिला था. आज मैं उसी माँ गंगा को वैशाली से पाटलिपुत्र पैदल पार कर रही हूँ. देखती हूं बिहार को न्याय मिलता है या नहीं. जा रही महामहिम राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन के लिए.
इस वक्त पुरे भारत की नज़र बिहार के चुनाव पर है. तो अब देखना होगा की बिहार चुनाव और क्या-क्या रंग दिखाता है. किसकी झोली में बिहार की गद्दी आती है, और किस की झोली में आता है अगले 5 साल का वनवास.