भारत में कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर, जाने क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?

भारत में इस साल अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा किए गए मेडिकल विशेषज्ञों के एक सर्वे में यह बात कही गई है।विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार संक्रमण पर बेहतर नियंत्रण होगा, लेकिन महामारी अभी भी कम से कम एक और साल तक जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी।सर्वे में दुनियाभर के 40 डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्टों, महामारी विशेषज्ञों और प्रोफेसरों आदि ने हिस्सा लिया था।

21 विशेषज्ञों ने कही अक्टूबर तक तीसरी लहर आने की बात

भारत में महामारी की लहर को लेकर 24 विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था। इनमें से 21 ने कहा कि अक्टूबर तक तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। इनमें से तीन ने अगस्त और 12 ने सितंबर तक तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। बाकी तीन ने कहा कि नवंबर और फरवरी के बीच भारत में महामारी की तीसरी लहर आएगी।वहीं करीब 70 प्रतिशत विशेषज्ञों ने कहा कि इस बार हालातों पर बेहतर नियंत्रण होगा।

बयान

गुलेरिया बोले- वैक्सीनेशन से पड़ेगा फर्क

दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस बार स्थिति नियंत्रण में होगी और वैक्सीनेशन के चलते मामले भी कम होंगे। साथ ही दूसरी लहर में संक्रमित हुए लोगों में नैचुरल इम्युनिटी होगी।

कोरोना संकट

विशेषज्ञों ने जताई वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद

भारत में अभी तक वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पाया है और केवल 5 फीसदी आबादी को ही पूरी तरह वैक्सीनेट किया गया है।हालांकि, विशेषज्ञों को उम्मीद है कि साल के अंत तक वैक्सीनेशन की गति बढ़ेगी, लेकिन उन्होंने पाबंदियां हटाने में कुछ राज्यों द्वारा की जा रही जल्दबाजी को लेकर चेताया है।कई जानकारों ने चेतावनी दी है कि पाबंदियां हटने के बाद बाजारों में भीड़ बढ़ रही है, जिससे संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है।कोरोना संकट

क्या तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित होगी?

सर्वे में शामिल विशेषज्ञों से जब पूछा गया कि क्या तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करेगी तो 40 में से 26 ने इसका जवाब हां में दिया।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) में महामारी विभाग के प्रमुख डॉ प्रदीप बनांदुर ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।मेडिकल विशेषज्ञों ने चेताया है कि तीसरी लहर में बच्चों के लिए हालात गंभीर हो सकते हैं।

कोरोना वायरस

तैयारी जरूरी नहीं तो मच सकती है तबाही- शेट्टी

कर्नाटक सरकार के सलाहकार और नारायणा हेल्थ के डॉ देवी शेट्टी ने कहा, “अगर बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हुए और हम इसके लिए तैयार नहीं हो पाए तो ऐन मौके पर कुछ नहीं किया जा सकेगा। देश में बच्चों के लिए इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) बिस्तर बेहद कम हैं और यह एक तबाही में बदल सकती है।”हालांकि, कुछ विशेषज्ञ यह भी कह चुके हैं कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित होने के सबूत नहीं हैं।तैयारी

सरकार ने शुरू की तीसरी लहर के मुकाबले की तैयारी

सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इसका मुकाबला करने की तैयारी शुरू कर दी है।इसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने, वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने, बच्चों को भी वैक्सीनेशन अभियान में शामिल करने जैसे कदम शामिल हैं।सरकार जुलाई से रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने और दिसंबर तक पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है ताकि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।

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