ममता और भतीजे अभिषेक के बीच बढ़ी कलह, वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच जंग

वरिष्ठ नेता युवाओं पर कंस रहे तंज

कोलकाता (ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की राजनीति मेंओल्ड गार्ड बनाम यंग ब्रिगेड का झगड़ा खूब चर्चा में है। टीएमसी की इस कलह पर विपक्ष हमलावार दिख रही है। टीएमसी में यह बहस तेज हो गई है, कि पार्टी के सीनियर नेताओं को युवाओं को पॉलिटिक्स में आने के लिए जगह देना चाह‍िए। चूंकि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी अनुभवी नेताओं का समर्थन कर रही हैं। जबकि भतीजे और पार्टी महासचिव अभ‍िषेक बनर्जी बड़े नेताओं को र‍िटायरमेंट देने के पक्ष में खड़े हो गए हैं।

बंगाल की 27 साल पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में पुराने बनाम नए पीढ़ी के नेताओं के मसले पर बहस और विवाद बढ़ गया है। इस बीच, पार्टी महासचिव अभिषेक ने सुप्रीमो ममता बनर्जी से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन विपक्षी दल लगातार इस आतंरिक कलह पर तंज कस रहे हैं। ममता अनुभवी नेताओं को साथ लेना चाहती हैं, जबकि अभिषेक का तर्क है कि अब युवाओं को मौका मिलाना चाहिए।

दरअसल, टीएमसी के 27वें स्थापना दिवस समारोह के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और युवा पदाधिकारियों के कामकाज को लेकर कटाक्ष किया गया था। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि ममता ने अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मीटिंग को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। ममता के आवास पर परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
अभिषेक के करीबी नेता ने कहा, वे पार्टी सुप्रीमो से मिलने गए हैं। हमें बैठक के एजेंडे की जानकारी नहीं है। पार्टी के स्थापना दिवस समारोह के बीच यह झगड़ा बढ़ गया था। वरिष्ठ नेताओं ने युवा ब्रिगेड के नेता अभिषेक पर तंज कसते हुए तीखे जवाब दिए थे।

टीएमसी पार्टी पिछले कुछ वर्षों से इस मुद्दे से जूझ रही है। मामले में पिछले महीने एक नया मोड़ आया, जब मुख्यमंत्री ने युवा नेताओं से वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान करने की अपील की। अभिषेक बनर्जी का कहना है कि राजनीति में भी रिटायरमेंट की उम्र निर्धारित होनी चाहिए। उन्होंने बढ़ती उम्र के साथ कार्य कुशलता में गिरावट आने का हवाला दिया है। वहीं, ममता दीदी ने पार्टी के सीनियर लीडर्स को उचित सम्मान देने की सलाह दी है। उन्होंने वरिष्ठ नेता को सक्रिय राजनीति से रिटायरमेंट लेने के सुझाव को भी खारिज किया है। शीर्ष नेताओं की आतंरिक कलह खुलकर सामने आने से सियासत भी गरमा गई है।

कुणाल घोष टीएमसी के प्रवक्ता भी हैं। कुणाल ने दिसंबर में सत्ता संघर्ष की अफवाहों पर कहा था कि पार्टी के पुराने और नई पीढ़ी के नेताओं के बीच कोई संघर्ष नहीं है। उन्होंने पार्टी में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों की जरूरत पर जोर दिया था। यह विवाद तृणमूल कांग्रेस के भीतर पुराने नेताओं और युवा पीढ़ी के बीच दो साल पुराने आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है।

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