मिशन यूपी : प्रियंका गांधी ने महिलाओं पर लगाया बड़ा दांव, क्या पार होगी कांग्रेस की चुनावी नैया?

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 40% टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने मंगलवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बड़ा ऐलान किया। प्रियंका ने कहा कि यह फैसला तमाम पीड़ित महिलाओं के साथ न्याय करेगा। प्रियंका ने नया नारा दिया, ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं।’

कांग्रेस 40% महिलाओं को टिकट देने के लिहाज से UP की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 161 पर महिला उम्मीदवार उतारेगी। प्रियंका जब यह ऐलान कर रही थीं, तब भी उनके मंच पर 7 पुरुष मौजूद थे और प्रियंका के आजू-बाजू केवल दो महिलाएं बैठी हुई थीं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी का महिलाओं को टिकट देने का फैसला काफी चुनौतीभरा रहने वाला है।

प्रियंका को परिवारवाद से ऐतराज नहीं
कांग्रेस ने भले ही महिलाओं को 40% टिकट देने का ऐलान किया हो, लेकिन इसमें भी नेताओं के परिवार की महिलाओं का ही दबदबा रहने की संभावना है। खुद प्रियंका गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परिवारवाद का समर्थन किया। जब उनसे सवाल पूछा गया कि कांग्रेस ने 40% महिलाओं को टिकट देने का ऐलान किया है, लेकिन सभी असरदार नेता अपने परिवार की महिलाओं को ही टिकट दिलाने के लिए लॉबिंग करेंगे। इस पर प्रियंका ने कहा कि इसमें कोई हर्ज नहीं है।

खुद चुनाव लड़ने का सवाल टाल गईं प्रियंका
प्रियंका ने कहा कि हमने आवेदन मांगे हैं और 15 नवंबर तक लोग टिकट के लिए आवेदन कर सकते हैं। महिलाओं को टिकट मेरिट के आधार पर दिया जाएगा। प्रियंका ने यह भी कहा कि उनका बस चलता तो वह 40 की जगह 50 फीसदी टिकट महिलाओं को देतीं। जब उनसे विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर बाद में सोचेंगे। वहीं, UP में कांग्रेस के CM फेस के साथ उतरने के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।

फैसले से पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलेगा
प्रियंका ने कहा, ‘जब मैं 2019 के चुनाव में उत्तर प्रदेश आई थी, तो प्रयागराज में यूनिवर्सिटी की कुछ लड़कियां मुझसे मिलीं। उन्होंने बताया कि यहां लड़कों और लड़कियों के लिए अलग नियम हैं। इसके बाद हमने यह फैसला किया है। यह फैसला उन्नाव की उस लड़की के लिए है, जिसे जलाकर मारा गया। यह फैसला हाथरस की उस लड़की के लिए है, जिसे न्याय नहीं मिला।’

प्रियंका बोलीं, ‘मुझे लखीमपुर में एक लड़की मिली थी। उसने कहा कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहती है। हमारा फैसला उसके लिए है। यह सोनभद्र में उस महिला के लिए है, जिसने लोगों के लिए आवाज उठाई। यह फैसला UP की हर उस महिला के लिए है जो आगे बढ़ाना चाहती है, अपना भविष्य बनाना चाहती है या बदलाव लाना चाहती है।’

लखीमपुर को लेकर सरकार पर निशाना
प्रियंका ने कहा कि UP में आम आदमी की सुरक्षा कोई नहीं करता। आज सत्ता का नाम ये है कि आप खुलेआम लोगों को कुचल सकते हैं। आज नफरत का बोलबाला है, महिलाएं इसे बदल सकती हैं। प्रियंका ने कहा कि जब सीतापुर में मुझे महिला पुलिसकर्मियों ने घेर लिया, तो दो महिला पुलिसकर्मी मुझे सीतापुर के PAC गेस्ट हाउस लेकर गई थीं। यह फैसला उनके लिए भी है। देश को धर्म की राजनीति से निकलना है और आगे ले जाना है और महिलाओं को खुद ही यह काम करना होगा।

प्रियंका सोमवार रात दिल्ली से लखनऊ पहुंची थीं। उन्होंने सोमवार को शाहजहांपुर जिले में अदालत परिसर के भीतर एक वकील की हत्या को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- आजकल उप्र में कोई सुरक्षित नहीं है। चाहे वो महिलाएं हों, किसान हों और या फिर वकील ही क्यों न हों।

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