यूपी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में बवाल के बाद बड़ा एक्शन: 3 IPS समेत 5 अधिकारियों का तबादला

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बिछिया स्थित पीएसी कैंपस में चल रही महिला सिपाहियों ने ट्रेनिंग के दौरान जमकर बवाल मचाया। बुधवार को करीब 600 ट्रेनी महिला सिपाही सेंटर से बाहर निकलकर सड़क पर आ गईं। उन्होंने रोते-चिल्लाते हुए व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए। पुलिस ट्रेनियों का विरोध प्रदर्शन सुबह 8 बजे शुरू हुआ। इसके बाद मामला गोरखपुर से लखनऊ तक गरमा गया। पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दरअसल, सीएम योगी का इसी कैंपस में कार्यक्रम होना है। इससे पहले हंगामा ने पुलिस सिस्टम में हलचल तेज कर दी। देर शाम तक एक्शन हो गया। तीन आईपीएस समेत 5 अधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें पुलिस ट्रेनिंग स्कूल गोरखपुर के प्रभारी प्रधानाचार्य रोहन पी. कनय का भी नाम शामिल है।

पांच अधिकारियों का ट्रांसफर
अपर पुलिस महानिदेशक एन. रविंदर के हस्ताक्षर से ट्रांसफर आदेश जारी किया गया है। इसमें 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी रोहन पी. कनय को डीआईजी सह पीटीएस गोरखपुर के प्रधानाचार्य से हटा दिया गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय में प्रतीक्षा सूची में भेज दिया गया है। उनकी जगह पर 1994 बैच के पीपीएस अधिकारी अनिल कुमार को पीटीएस गोरखपुर का प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है।इनके अलावा 2010 बैच की आईपीएस पूनम अभी आगरा अनुभाग में डीआईजी, पीएसी के पद पर तैनात थीं। उन्हें पीटीएस मेरठ के प्रधानाचार्य का जिम्मा सौंपा गया है। 2010 बैच के ही आईपीएस पीटीएस मेरठ में डीआईजी सतेंद्र कुमार को पुलिस मुख्यालय भेजा गया है। उन्हें भी प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। वहीं, 1997 बैच की पीपीएस अधिकारी निहारिका वर्मा को कानपुर नगर के केंद्रीय रिजर्व स्टोर एएसपी से प्रभारी सेनानायक 26वीं वाहिनी पीएसी, गोरखपुर बनाकर भेजा गया है।

ट्रेनियों के हंगामा से बवाल
गोरखपुर पीटीएस में करीब 600 महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है। उन लोगों ने गंभीर आरोप लगाते हुए हंगााम किया। उनका आरोप था कि एक बाथरूम है और उसमें कैमरे लगे होने का आरोप लगाया गया है। इससे उनका वीडियो बनाए जाने की आशंका जताई गई। आरोप है कि 360 की क्षमता वाले सेंटर में 600 लड़कियों को ठूंसकर रखा गया।

ट्रेनियों का आरोप है कि बिजली, पानी और गर्मी से वे बेहाल हो रही हैं। इसके अलावा बिना पूर्व सूचना के प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने का भी आरोप लगाया गया। इसका भी ट्रेनी सिपाहियों ने जोरदार विरोध किया। इसके बाद सरकार की ओर से एक्शन शुरू किया गया। मामले में पहले ही पीटीआई को अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर सस्पेंड कर दिया गया।

ट्रेनियों के हंगामा के बाद आरटीसी प्रभारी संजय राय और 26वीं बटालियन पीएसी कमांडेंट आनंद कुमार को निलंबित किया गया। प्रेग्नेंसी टेस्ट के आदेश देने वाले डीआईजी रोहन पी. कनय को हटा दिया गया, उन्हें डीजीपी ऑफिस से अटैच किया गया है। एएसपी अनिल कुमार प्रथम को पीटीएस गोरखपुर का नया प्रभारी बनाया गया। कानपुर की एएसपी निहारिका वर्मा को 26वीं पीएसी का नया कमांडेंट बनाया गया।

प्रेग्नेंसी टेस्ट का जोरदार विरोध
ट्रेनिंग से पहले स्वास्थ्य परीक्षण के तहत प्रेग्नेंसी टेस्ट कराने के निर्देश पर बवाल हुआ। यह आदेश डीआईजी रोहन पी. कनय ने सीएमओ को पत्र लिखकर जारी किया था, जिसके विरोध में महिला सिपाहियों ने नाराजगी जताई। आईजी ट्रेनिंग चंद्र प्रकाश ने तत्काल आदेश को निरस्त किया, और साफ किया कि अनमैरिड महिला सिपाहियों से सिर्फ शपथपत्र लिया जाएगा, टेस्ट नहीं कराया जाएगा।

आईजी पीएसी मध्य जोन प्रीतिंदर सिंह के अनुसार, बाथरूम में कैमरे लगे होने की बात जांच में गलत पाई गई। बिजली और अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। वहीं, इस पूरे विवाद पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

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