
-सात घंटे तक धरने पर बैठने के बाद सिर्फ कप्तान का आश्वासन मिला
भास्कर ब्यूरो
कानपुर देहात। गुरुवार की दोपहर इंकलाबी तेवर के साथ अकबरपुर कोतवाली में शुरू हुआ राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला का धरना अंततः मायूसी के साथ खत्म हुआ। मंत्री व उनके पति पूर्व सांसद के तमाम दबाव के बावजूद अकबरपुर कोतवाल का तबादला नहीं किया गया। बारिश के बावजूद धरने पर अमादा मंत्री के चेहरे के भाव उस वक्त बदल गए जब उनके पास लखनऊ से किसी का फोन आया। इज्जत की बात थी ऐसे में कप्तान के आश्वासन पर राज्यमंत्री ने धरना खत्म कर दिया जबकि कुछ घंटे पहले कप्तान की मनुहार को राज्यमंत्री और उनके समर्थक ठुकराते रहे।
अकबरपुर में एक सड़क निर्माण के दौरान उपजे विवाद के बाद राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला कोतवाल सतीश सिंह व चौकी इंचार्ज लालपुर से ख़फ़ा हो गईं। दोनों को हटाने की मांग को लेकर अकबरपुर कोतवाली में करीब दो बजे से धरने पर बैठ गईं। दो सीओ मनाने पहुंचे तो उन्होंंने दो टूक कह दिया कि कोतवाल हटेगा तब मैं जाऊंगी। ये जानना चाहती हूं कि कोतवाल किसके दबाव में काम कर रहा है। ये सपा सरकार नहीं योगीजी की सरकार है। भाजपा कार्यकर्ता पर फर्जी एससीएसटी की एफआईआर किसके दबाव में हुई। फिलहाल मंत्री से वार्ता के लिए पहुंचे एसपी ने उन्हें आफिस में बैठकर बात करने के लिए कहा। मंत्री ने उन्हें भी बता दिया कि बात टेबिल पर नहीं मैदान में जनता के सामने होगी। शाम को मंत्री के साथ धरने पर उनके पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी भी जाकर बैठ गए। इस बीच लखनऊ से मंत्री के पास किसी का फोन आया इसके बाद उनके बगावती तेवर नरम पड़ने लगे। शाम होते इस बात का इंतजार होने लगा कि कोई अफसर आकर धरना खत्म कराने की औपचारिकता पूरी कर दे। वही हुआ करीब नौ बजे एसपी अरविंद मिश्र पहुंचे। उन्होंने चंद शब्दों में सिर्फ इतना आश्वासन दिया कि कोतवाल को हटा देंगे। जांच का समय दीजिए। एसपी ने दर्ज हुए मुकदमों में निष्पक्ष विवेचना का भरोसा दिया। एसपी को कुछ पत्र सौंपने के बाद एडीएम प्रशासन अमित कुमार को भी कुछ शिकायतें सौंपी गईं। मंत्री और उनके पति कोतवाली से रवाना हो गए।
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हाई वोल्टेज ड्रामा ने साबित की गुटबाजी
अकबरपुर कोतवाली में हुए हाईवोल्टेज ड्रामा ने ये साबित कर दिया है कि माननीयों के बीच गुटबाजी चरम पर है। अप्रत्यक्ष रुप से कोतवाल सतीश सिंह पर एक माननीय के दबाव में कार्रवाई करने का आरोप है। कोतवाल को हटाने के लिए मंत्री की जिद एसपी के आश्वासन तक सिमट कर रह गई। इससे उनके समर्थकों में मायूसी दिखी। बावजूद इसके धरना खत्म होने के दौरान कुछ वफादार कार्यकर्ताओं ने वारसी प्रतिभा जिंदाबाद के नारों के साथ कोतवाली से विदा हो गए।
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ऐसे हुई शुरुआत
अकबरपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर दो बदलापुर में विधायक निधि से बन रही सडक़ का काम दो दिन पहले वहां के सभासद ने शमशाद अहमद ने बंद करा दिया था। इसके बाद स्थानीय विधायक और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने मौके पर पहुंच कर काम शुरु कराया। उनके जाने के बाद चेयरमैन दीपाली सिंह व ईओ ने पहुंच कर फिर से काम बंद करा दिया। उनका कहना था कि सभासद की निजी जमीन पर सडक़ बनाई जा रही है साथ ही नगर पंचायत से एनओसी भी नहीं ली गई। इस मामले में ठेकेदार ने सभासद पर रंगदारी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। वहीं राज्यमंत्री के चार करीबियों पर एससीएसटी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इससे वह खफा हो गईं। उनका कहना है कि फर्जी एफआईआर दर्ज की गर्ई है।