वाराणसी में ब्लैक फंगस का तांडव, BHU अस्पताल में आए 169 मरीज, इतने लोगो ने तोड़ा दम

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कम होते असर के बीच पूर्वांचल में ब्लैक फंगस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित BHU अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए 4 जून से 7 जून के बीच एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन का एक भी वायल वाराणसी के स्वास्थ्य विभाग से नहीं मिल पाया। ऐसे में BHU अस्पताल के डॉक्टर एम्फोटेरेसिन बी के विकल्प के तौर पर पोसाकोनाजोल से काम चलाते हुए मरीजों का उपचार कर रहे हैं।

7 जून की रात तक BHU अस्पताल में आए 169 मरीज
ब्लैक फंगस से पीड़ित होकर पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों से 7 जून की रात तक BHU अस्पताल में 169 मरीज आए। इन मरीजों में से 37 मरीज की मौत हो गई है। 9 मरीज अब तक डिस्चार्ज किए गए हैं। वहीं 123 मरीजों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, ब्लैक फंगस से पीड़ित ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जो डायबिटीज जैसी ही अन्य बीमारियों से पहले से ही पीड़ित हैं।

इंजेक्शन का जिम्मा तो जिला स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार का है
BHU अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने कहा कि बेड और वार्ड की व्यवस्था में फिलहाल कोई कमी नहीं है। एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार की है। बीते मई माह के तीसरे पखवाड़े से अब तक हमें 575 एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन मिले हैं। हम रोजाना स्वास्थ्य विभाग को अपनी जरूरत बता देते हैं। इसके बावजूद इधर 4 दिन से इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है तो वैकल्पिक दवा के सहारे काम चला रहे हैं। हमारी ओर से मरीजों के तीमारदारों को यह भी कहा गया है कि उन्हें अस्पताल से बाहर जाकर किसी भी दवा के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। मरीजों को स्वस्थ करने की जिम्मेदारी हमारी है। उधर, इस संबंध में सीएमओ डॉ. वीबी सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लगातार लखनऊ के संपर्क में हैं। रोजाना इंजेक्शन की आवश्यकता के बारे में लखनऊ जानकारी दी जाती है। सूचना मिली है कि 150 इंजेक्शन की खेप लखनऊ से चल दी है। इंजेक्शन वाराणसी पहुंचते ही उसे BHU अस्पताल के एमएस को सौंप दिया जाएगा।

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