सनसनीखेज खुलासा : जेलर की नाक के नीचे से फरार हुआ कातिल कैदी, जेलर, डिप्टी जेलर और वार्डन पर गिरी

 
– सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई जेल से फरारी की हरकत
– मुलाहिजा बैरक के करीब गोदाम के टिन-शेड में दुबका
– मौका पाकर टिन पर चढ़ने के बाद गंगा की तरफ कूदा

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। तमाम सुरक्षा-इंतजाम को धता बताते हुए जिला जेल से फरार कातिल कैदी अफसरों के सिर के ऊपर से भागा था, लेकिन किसी को भनक नहीं लगी। शुक्रवार की रात दो बजे तक सर्च ऑपरेशन के बाद जेल परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो मुलाहिजा बैरक के करीब राशन गोदाम में बोरियों के पीछे दुबका अशीरुद्दीन निकलकर एक डिब्बे के सहारे टिन-शेड पर चढ़ते नजर आया है। तफ्तीश में मालूम हुआ कि, गोदाम की छत पर पहुंचने के बाद कुछ देर दीवार की आड़ में छिपा रहा, फिर जेलर ऑफिस की छत फांदकर बाहरी दीवार तक पहुंचा। यहां कुछ देर तांक-झांक करने के बाद दीवार के सहारे गंगा नदी की ओर बढ़ा और कूदकर फरार हो गया।

एक सप्ताह प्रैक्टिस के बाद फरारी की चर्चा
तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे वाली जिला जेल से फरार कातिल कैदी को दबोचने के लिए बस अड्डा और रेलवे स्टेशन के साथ-साथ जाजमऊ के ताड़ बगिया मोहल्ले में अशरुद्दीन की झोपड़ी के बाहर सिपाहियों को तैनात करने के साथ असम राज्य में पैतृक गांव में सिविल ड्रेस में फोर्स को भेजा गया है। जेल सूत्रों के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में कैदी की फरारी की वारदात देखने के बाद बंदी रक्षकों ने बताया है कि, अशरुद्दीन बीते पांच-छह दिन से मुलाहिजा बैरक, परिजनों से मिलाई वाले स्थान तथा राशन सामग्री के गोदाम के आस-पास टहलता था। कयास है कि, इस दरमियान वह देर शाम की गिनती के बाद अंधेरे के इंतजाम में दुबकने और टिन-शेड के रास्ते फरारी का ताना-बाना बुन रहा था।

मुलाहिजा बैरक सामने, फिर भी नजर नहीं गई
करीब साढ़े सात बजे कैदियों की गिनती के बाद अशरुद्दीन अपनी बैरक में जाने के बजाय गोदाम के टिन-शेड के नीचे राशन की बोरियों के बीच दुबक गया था। इसके बाद नौ बजे अंधेरा होने पर वह टिन-शेड के पोल के बगल में बीस लीटर का डिब्बा लगाकर ऊपर चढ़ा और जेलर ऑफिस की छत की दीवार की आड़ में दुबक गया। बड़ा सवाल है कि, अशरुद्दीन की फरारी की हरकत को मुलाहिजा बैरक में मौजूद कैदियों के साथ-साथ सीसीटीवी पर निगरानी करने वाली टीम ने क्यों नहीं देखा। शुक्रवार की रात तीन बजे के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद गंगा के किनारों पर सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन अशरुद्दीन के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हुई।

बीवी से अफेयर के शक में दोस्त का कत्ल
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, बीते साल 2024 की 08 जनवरी में अशरुद्दीन ने अपनी बीवी से अफेयर के शक में अपने करीबी दोस्त इस्माइल को मौत के घाट उतार दिया था। वारदात के छह दिन बाद 14 जनवरी को अशरुद्दीन को गिरफ्तार करने जेल दाखिला कराया गया था। जेल अधीक्षक बी.डी.पाण्डेय के मुताबिक, फरार कैदी की पहचान अशीरुद्दीन पुत्र फजीरुद्दीन के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि, जांच के बाद लापरवाही के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित है। गौरतलब है कि, कानपुर की जिला जेज को हाई-सिक्योरिटी का दर्जा हासिल है। जेल में फिलवक्त, हाई-प्रोफाइल वकील अखिलेश दुबे के साथ-साथ शाहिद पिच्चा, यूसुफ चटनी, सनी मौरंग, जीशान मौरंग समेत तमाम कुख्यात बंद हैं। ऐसे में कैदियों की निगरानी के लिए जेल अधीक्षक के साथ-साथ दो जेलर, दर्जनों बंदी रक्षकों तथा भारी फोर्स मुस्तैद है। बावजूद अशीरुद्दीन की फरारी से जेल की सुरक्षा पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है।

जेलर, डिप्टी जेलर और वार्डन पर गिरी गाज
कानपुर जिला कारागार से कैदी के फरार होने के मामले में डायरेक्टर जनरल कारागार पीसी मीणा ने मामले का संज्ञान लेते हुए जेल के चार अधिकारी-कर्मचारी को निलंबित कर दिया है। सख्त कार्रवाई की गाज जेलर, डिप्टी जेलर और मुख्य वार्डन पर गिरी है। मामले की जांच की जिम्मेदारी डीआईजी कारागार को सौंपी गई है, उन्हें सात दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इस मामले में कोतवाली थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

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